सुपौल 10 सूत्री मांगों को लेकर बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले एनएचएम कर्मियों का अनिश्चितकालीन हड़ताल सोमवार को सातवें दिन भी जारी रहा. अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे ए ग्रेड कर्मी, नर्स, एएनएम एवं सीएचओ ने बताया कि सरकार द्वारा एनएचम कर्मियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. सरकार से हमारी मांग है कि समान काम के बदले समान वेतन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संविदा पर कार्यरत सभी कर्मियों को बिना शर्त राज्य कर्मी का दर्जा, एनएचएम के सभी कर्मियों पर अशोक चौधरी की अध्यक्षता वाले उच्चतम स्तरीय समिति की अनुशंसा को लागू करने, कर्मियों के लिए स्मार्ट फोन से एफआरएएस विधि से उपस्थिति दर्ज करने के अव्यवहारिक एवं अविवेकपूर्ण आदेश को निरस्त करने, अप्रैल माह से बकाया मानदेय का अविलंब भुगतान तथा हर माह के अंतिम तिथि को मानदेय भुगतान सुनिश्चित किया जाऐ. साथ ही स्वास्थ्य उप केंद्र पर स्थायी भवन, आवासीय सुविधा, शौचालय, पेयजल, बिजली एवं इंटरनेट जैसे बुनियादी सुविधा सुनिश्चित किया जाये. राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार द्वारा निर्गत आदेश द्वारा मानदेय बढ़ोतरी के दोषपूर्ण आदेश में अविलंब सुधार, एनएचएम के अंतर्गत अन्य कर्मियों की भांति सीएचओ को भी सामान्य रूप से वेतन वृद्धि एवं अन्य सुविधाएं दिया जायें, कार्य स्थल पर विशाखा जजमेंट के अनुरूप महिला कर्मियों की सुरक्षा की गारंटी तथा न्यूनतम वैधानिक मजदूरी का भुगतान सभी संविदा कर्मियों को किया जायें. कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं होगी, तब तक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे रहेंगे. कहा कि विभाग द्वारा हमलोगों को डराया-धमकाया जाता है कि हड़ताल समाप्त करो नहीं तो सभी पर मुकदमा दर्ज होगा और जेल भी जाना पड़ सकता है. मौके पर राजेंद्र कुमार, लक्ष्मी कुमारी, रूबी कुमारी, दीपक राज, बबीता कुमारी, पिंकी कुमारी, ममता कुमारी, रीचा कुमारी, रूपम कुमारी, सोनी कुमारी, दीन दयाल, पंकज, अनिल कुमार, सपना कुमारी, गीता कुमारी, विजेंद्र सेन, अर्पणा कुमारी, मधु भारती, विनिता कुमारी, उषा कुमारी, गुंजा कुमारी, विजय सेनी, नीता कुमारी, तृप्ति कुमारी सहित जिले के सभी एनएचएम कर्मी उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है