सुपौल.कोसी नदी के जलस्तर में लगातार उतार चढ़ाव के कारण तटबंध के अंदर बसे लोगों में भय का माहौल व्याप्त है. रविवार को कोसी बराज पर 03 लाख 96 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद सुपौल, किशनपुर, सरायगढ़, निर्मली एवं मरौना प्रखंड के दर्जनों गांव में पानी प्रवेश कर जाने के कारण लोग घर-द्वार छोड़ ऊंचे स्थानों की ओर पलायन करने लगे. लेकिन सोमवार को पानी घटने के बाद लोग जान हथेली पर लेकर अपने घर वापस आने लगे. अभी महज 24 घंटा ही हुआ कि एक बार फिर कोसी की हुंकार लोगों को डराने लगी. मंगलवार को सुबह से ही बराह क्षेत्र में तेजी से पानी बढ़ने के बाद तटबंध के अंदर बसे लोगों में भय का माहौल व्याप्त हो गया. लोग बाढ़ की आशंका को देख माल-मवेशी के साथ छोटे-छोटे बच्चे को लेकर गांव से निकलने लगे. घूरन पंचायत के मो कुद्दुस ने कहा कि यही तो हमारी जिंदगी है. कोसी कब माल-मवेशी के तरह हांक दे यह किसी को पता नहीं. नदी में पानी बढ़ने के बाद कई लोग गांव छोड़ ऊंचे स्थानों पर चले गये. बताया कि मानसून के आगमन होते ही कोसी तटबंध के अंदर बसे लोगों की रूह कांपने लगती है. पांच महीने का समय हम लोगों के लिए जेल के समान होता है. इस दौरान हमारे यातायात के लिए सिर्फ नाव ही हमारा सहारा है. अगर नाव नहीं रहे तो हमारी जिंदगी खत्म हो जायेगी. मंगलवार को शाम 06 बजे कोसी बराज पर 02 लाख 48 हजार 210 क्यूसेक व बराह क्षेत्र में 01 लाख 72 हजार 500 क्यूसेक बढ़ते क्रम में दर्ज किया गया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है