– स्वामी यादवेन्द्रानंद ने तनाव के बारे में दी महत्वपूर्ण जानकारी पिपरा. पिपरा बाजार स्थित विनोबा मैदान में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा आयोजित श्रीरामचरित मानस एवं गीता ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन मंगलवार को श्री आशुतोष महाराज के शिष्य स्वामी यादवेन्द्रानंद ने तनाव (टेंशन) के बारे में महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए. उन्होंने कहा कि आजकल टेंशन एक सर्वव्यापी समस्या बन चुकी है, जो लगातार बढ़ती जा रही है. स्वामी जी ने इस समस्या से मुक्ति पाने के लिए एक सरल युक्ति साझा करते हुए कहा कि अटेंशन से टेंशन भागता है. उन्होंने बताया कि अज्ञानता के कारण लोग दबाव के सामने झुक जाते हैं, लेकिन जब इंसान अपनी भीतरी शक्तियों का अनुभव करता है, तब वह उन दबावों के साथ और मजबूत बनता है. स्वामी जी ने यह भी कहा कि इस संसार में अनेकों प्रकार के बल हैं, जैसे शारीरिक बल, धन बल और विद्युत बल, लेकिन इनमें से सबसे शक्तिशाली बल है आत्मा बल. आत्मा की शक्ति को पहचानना और उसे जागृत करना ही असली शक्ति है. इस अवसर पर साध्वी प्रीति भारती ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए. उन्होंने कहा कि जैसे कागज पर लिखी स्याही को कागज से अलग नहीं किया जा सकता, वैसे ही आत्मा को परमात्मा से विलग नहीं किया जा सकता. आत्मा और परमात्मा का संबंध अभिन्न है. उन्होंने सत्संग को आत्मा और परमात्मा के मिलन का मार्ग बताते हुए कहा कि सत्संग रूपी गंगा मन की मैल को धो देती है और व्यक्ति को विकारों से मुक्ति दिलाती है. साध्वी ने कहा कि इंसान की बुद्धि सीमित है, जबकि ईश्वर असीम है. ईश्वर की लीलाओं को समझने के लिए दिव्य दृष्टि की आवश्यकता होती है, क्योंकि नज़र है तो नजारे हैं, दृष्टि है तो ईश्वर दर्शन है. यह यज्ञ आयोजन लोगों को मानसिक शांति, आत्मा की शक्ति, और ईश्वर के प्रति सच्ची भक्ति की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान कर रहा है.
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