चिलचिलाती धूप से लोग बेहाल, पंखा व कूलर भी नाकाम
जिले में गर्मी का कहर परवान पर है. सुबह होते ही गर्म हवा अपना तेवर दिखाना शुरू कर दे रहा है
सुपौल. जिले में गर्मी का कहर परवान पर है. सुबह होते ही गर्म हवा अपना तेवर दिखाना शुरू कर दे रहा है. बताया जा रहा है कि ऐसा प्रचंड गर्मी पहले नहीं होती थी. भीषण गर्मी के चपेट में आये लोगों को कूलर, पंखा व एसी से भी राहत नहीं मिल रही है. ऐसे यदि बिजली गुल होती है तो लोग उमस भरी गर्मी से परेशान हो जा रहे हैं. लोग अब भगवान से बारिश की मन्नत कर रहे हैं. लोगों को लग रहा है कि यदि बारिश हो तो तापमान में गिरावट आएगी.
15 जून बाद हो सकती है बारिश
इसके बाद ही लोगों को गर्मी से निजात मिलेगी. हालांकि 15 जून से पहले बारिश की संभावना नहीं दिख रही है. हालत यह है कि लोगों का घरों में भी बैठ पाना मुश्किल हो गया है. गर्म हवाओं के थपेड़ों ने लोगों को मुश्किल में डाल दिया है. आसमान से अंगारे बरसने के चलते सार्वजनिक स्थलों पर हमेशा दिखने वाली चहल-पहल गायब रह रही है. शाम पांच बजे तक लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो जाता है. धूप में कामगार व मजदूर भी कार्य करने में आनाकानी कर रहे हैं. खासकर मनरेगा मजदूर सुबह चार बजे से ही अपने कार्य पर आते हैं. यह मजदूर 10 बजे तक अपने घर लौट जा रहे हैं. मनरेगा संवेदक की मजबूरी है कि उन्हें मानसून से पहले मिट्टी का कार्य करा लेना है. अन्यथा योजना बंद होने से योजना कार्य अधर में लटक सकता है. रविवार को अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस तो न्यूनतम 27 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया.
ग्राहकों के इंतजार में दिन भर दुकान पर बैठे रहते हैं दुकानदार
मौसम की बेरुखी से दोपहर में घरों से निकलना मुश्किल हो जा रहा है. गर्म हवा के थपेड़े भी लोगों को झुलसाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. चिलचिलाती धूप से बचने के लिए लोग तमाम तरह के उपाय कर रहे हैं. सूरज की किरणों के सुबह से ही आग बरसाने की वजह से दोपहर में लोग घरों में दुबकने को विवश हैं. इसका नतीजा यह है कि तीखी धूप से दोपहर में सड़कों पर सन्नाटा पसर जा रहा है. बाजारों में ग्राहकों के न रहने से दुकानदार हाथ पर हाथ धरे बैठे रह रहे हैं. शाम को तापमान में कमी होने पर ही लोग घर से बाहर निकल रहे हैं. मौसम की बेरुखी का असर लोगों की सेहत पर भी पड़ रहा है. लोग डिहाइड्रेशन के शिकार हो रहे हैं. वहीं चर्म रोग के भी मरीज भी बढ़ रहे हैं.
रोज कमाने-खाने वालों की परेशानी बढ़ी
भीषण गर्मी एवं तेज धूप की मार से मजदूरों एवं रोज कमाने-खाने की व्यवस्था करने वाले परिवारों के सामने विषम स्थिति पैदा हो गई है. सुबह आठ-नौ बजते ही असहनीय हो जा रही धूप से लोग काम करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं. इससे उनके सामने आर्थिक समस्या पैदा हो गई है.
रेमल चक्रवाती तूफान का नहीं दिखेगा असर : मौसम वैज्ञानिक
कृषि मौसम वैज्ञानिक देवन कुमार चौधरी ने बताया कि रेमल चक्रवाती तूफान का कोसी के इलाके में कोसी खास प्रभाव नहीं रहेगा. कहा कि रविवार की देर रात या सोमवार की सुबह चक्रवात के कारण हल्की बारिश हो सकती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है