जिले के सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र के भीमनगर में बस पड़ाव नहीं होने से यहां आने वाले यात्रियों को भारी परेशानी होती है. तत्कालीन राघोपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे उदय प्रकाश गोईत ने अपने फंड से भीमनगर सहरसा चौक स्थित बस पड़ाव के पश्चिम वाले प्रभाग में जो रेन बसेरा बनवाया था. वर्तमान समय में यह रेन बसेरा अतिक्रमणकारियों की चपेट में हैं. रैन बसेरा में यात्री को तो जगह नहीं मिलती, लेकिन स्थानीय लोग इस पर कब्जा कर चाय व नाश्ते ही दुकान चलाते हैं. सहरसा चौक स्थित बस पड़ाव में मौजूद एजेंट रामबाबू गुप्ता से मिली जानकारी अनुसार भीमनगर सहरसा चौक से प्रतिदिन लगभग 60 बसें विभिन्न जगहों के लिए चलती है. जिसमें कमिशनरी मुख्यालय सहरसा के लिए 25 बसें, जिला मुख्यालय सुपौल के लिए 05 बसें, राजधानी पटना के लिए 06 बसें, पूर्णिया के लिए 02 बसें, दरभंगा के लिए 20 बसों के अलावा अन्य छोटी और बड़ी गाड़ियां यहां से चलती है.
सड़क रास्ते से मात्र ढ़ाई किलोमीटर नेपाल होने की वजह से प्रतिदिन हजारों यात्री इस बस स्टैंड से गुजरते हैं. कभी-कभी बस की प्रतीक्षा में यात्रियों को घंटों दुकानों के सामने धूप में बैठाकर गुजरना पड़ता है. जिससे यात्रियों की भारी फजीहत होती है. सहरसा चौक स्थित सड़क के समीप एक मंदिर अवस्थित है, जहां एक पेड़ की छांव में किसी प्रकार यात्री अपना समय गुजारते हैं. इसी दौरान यदि बारिश हो जाती है तो यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. स्थानीय माया शंकर देव, सुबोध देव, मनीष कुमार मेहता, संतोष साह, रोशन कुमार, रघुनाथ साह, अनिल मिश्रा, संजय सिंह, उपेंद्र सिंह आदि लोगों ने सहरसा चौक पर मॉडल बस स्टैंड की मांग की है. ताकि पड़ोसी देश नेपाल से जब लोग आए तो उन्हें सुखद अनुभूति हो. वहीं नेपाल से आनेवाले यात्रियों को परेशानियों का सामना भी नहीं करना पड़े. पूछे जाने पर एसडीएम नीरज कुमार ने बताया कि बस स्टैंड को लेकर प्रस्ताव भेजा जायेगा. यदि यात्री शेड में अतिक्रमण किया गया है तो इसे अतिक्रमण मुक्त किया जायेगा.
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