सुपौल. सक्षमता परीक्षा पास करने के बाद काउंसिलिंग नहीं कराने वाले या किसी कारणवश काउंसलिंग लंबित वाले अभ्यर्थियों का रि-काउंसलिंग गुरुवार से शुरू हो गया है. पहले दिन 897 शिक्षकों में 287 शिक्षकों का डीआरसीसी में रि-काउंसिलिंग निर्धारित हुआ. रि-काउंसलिंग को लेकर डीआरसीसी के बाहर सुबह 08 बजे से ही शिक्षकों की भीड़ जुटने लगी थी. सुबह 09 बजे से पांच स्लॉट में प्रमाण पत्र सत्यापन शुरू हुआ. सुबह 09 से 10.30 बजे तक पहला, 10.30 बजे से 12 बजे तक दूसरा, 12 बजे से 1.30 बजे तक तीसरा, 1.30 बजे से 03 बजे चौथा और 03 बजे से 4.30 बजे तक पांचवां स्लॉट निर्धारित था. इसके लिए काउंटर पर शिक्षकों की भारी भीड़ दिखी. सत्यापन के विभिन्न प्रक्रिया के लिए डीआरसीसी में अलग-अलग काउंटर बनाया गया था तो सुरक्षा व्यवस्था के भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे. काउंसिलिंग के लिए डीआरसीसी में पुलिस जवानों की प्रतिनियुक्ति की गई थी. शिक्षा विभाग के डीईओ संग्राम सिंह सहित सभी डीपीओ काउंसिलिंग का लगातार निरीक्षण कर रहे थे. मौके पर डीपीओ स्थापना राहुल चंद्र चौधरी, डीपीओ एसएसए प्रवीण कुमार, डीपीओ माध्यमिक कुमार अरविंद सिन्हा, डीपीओ एमडीएम महताब रहमानी मौजूद थे. 23 नवंबर तक 897 शिक्षकों का होना है रि-काउंसलिंग डीआरसीसी में गुरुवार से शुरू शिक्षकों का 23 नवंबर तक रि-काउंसलिंग निर्धारित किया गया है. इस दौरान कुल 897 शिक्षकों का प्रमाण पत्र सत्यापन किया जाएगा. बताया जा रहा कि काउंसिलिंग से लंबित में 74 अनुपस्थित, 286 आधार वैरिफिकेशन फेल, 07 ओटीपी वैरिफिकेशन फेल, 06 डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन फेल, 390 ओरिजनल प्रणाम पत्र प्रस्तुत नहीं करने वाले और 134 डाउटफुल शिक्षक शामिल है. बताया जा रहा है कि प्रमाण पत्र सत्यापन के बाद शिक्षकों को विशिष्ट शिक्षक का दर्जा मिल जाएगा.
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