सुपौल सदर प्रखंड के लौकहा एपीएचसी से रेफर एक प्रसूता की मंगलवार को जिला मुख्यालय स्थित एक अवैध नर्सिंग होम में ईलाज के दौरान मौत हो गई. जिसके बाद मृतका के परिजनों ने जम कर बवाल मचाया. हालांकि सूचना पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझा बुझा कर हंगामा शांत कराया. वहीं कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी. बताया जा रहा है कि सदर प्रखंड अंतर्गत गढ़ बरुआरी पंचायत के वार्ड 12 निवासी शंकर कुमार की 20 वर्षीया पत्नी सीता देवी को सोमवार की शाम करीब 05 बजे प्रसव पीड़ा के बाद लौकहा एपीएचसी में भर्ती कराया गया. यहां मंगलवार की सुबह करीब 05 बजे उसने बच्चे को जन्म दिया. लेकिन प्रसूता को बुखार रहने की वजह से वहां ड्यूटी पर तैनात एएनएम ने उसे सदर अस्पताल के लिए भेज दिया. मृतका का ससुर दुखा तांती ने बताया कि एपीएचसी से सरकारी एंबुलेंस मिल गई थी. लेकिन रास्ते में ही परिजनों को जबरन एक निजी एंबुलेंस में सवार कर दिया गया. यह निजी एंबुलेंस उन्हें जिला मुख्यालय स्थित एक निजी क्लिनिक ले आई. यहां कुछ घंटों के बाद मरीज को जबरन दोबारा किसी निजी एंबुलेंस में सवार किया जा रहा था. परिजनों को देखने तक से रोका गया. लेकिन जब एंबुलेंस में प्रसूता का शरीर छू कर देखा तो वह ठंडा पड़ चुका था. इसके बाद परिजन हंगामा करने लगे. वहीं सूचना पर पहुंची पुलिस द्वारा परिजनों को समझा बुझा कर शांत किया गया. जिस क्लिनिक पर हंगामा हुआ उसके बाहर डॉ अभिषेक कुमार बच्चन के नाम का बोर्ड लगा हुआ है, जो सदर प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी हैं. बहरहाल, घटना के बाद क्लिनिक के कर्मी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं. इस बाबत सदर प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अभिषेक कुमार बच्चन के सरकारी मोबाइल नंबर पर संपर्क का प्रयास किया गया. लेकिन समाचार प्रेषण तक मोबाइल बंद पाया गया. इस बाबत सिविल सर्जन डॉ ललन ठाकुर ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है. मामले की जांच कर उचित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.
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