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24 से सुपौल-पिपरा नयी रेलखंड पर दौड़ेगी ट्रेन

जमीन से आसमान तक, विकास की नयी उड़ान को तैयार

जमीन से आसमान तक, विकास की नयी उड़ान को तैयार सुपौल. जिले के लिए अप्रैल महीना खुशियों की सौगात लेकर आया है. जमीन पर तेज रफ्तार विकास और आसमान में उड़ान की तैयारी दोनों ही मोर्चों पर सुपौल अब एक नये युग में प्रवेश कर रहा है. यातायात के सबसे बड़े साधन रेलवे के रूप में भी अब सुपौल संपन्न हो रहा है. अंग्रेज के शासन के काल में बनाये गये रेलखंड के बाद सुपौल से पूरब रक्षा मंत्रालय द्वारा सुपौल-अररिया (गलगलिया तक) नयी रेल लाइन परियोजना जो सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है पर सुपौल से पिपरा के बीच 24 अप्रैल से ट्रेन की सीटी बजने लगेगी. जबकि उससे आगे का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. जहां जल्द ही ट्रेन का परिचालन शुरू किया जाएगा. रेल संपर्क को मिला नया विस्तार 24 अप्रैल से सुपौल-पिपरा के बीच नई रेल लाइन पर ट्रेन सेवाएं शुरू की जा रही है. यह लंबे समय से प्रतीक्षित परियोजना न केवल जिले के लोगों के आवागमन को सरल बनाएगी, बल्कि व्यापार, रोजगार और पर्यटन को भी नया आयाम देगी. इस नई रेल सेवा से सुपौल का जुड़ाव क्षेत्रीय और राष्ट्रीय नेटवर्क से और मजबूत होगा. सुपौल से अररिया के बीच 12 रेल स्टेशन बनेंगे. सुपौल के बाद थुमहा, पिपरा, त्रिवेणीगंज, जदिया, बघैली, खजुरी बाजार, मनोहरपट्टी, भरगामा, रानीगंज, बसेठी एवं मिर्जापुर में रेलवे स्टेशन व हॉल्ट का निर्माण किया जाएगा. इसमें 04 हॉल्ट व 08 स्टेशन शामिल है. वीरपुर हवाई अड्डे के पुनर्विकास को मंजूरी सुपौल को अब आसमान में उड़ान भरने का भी अवसर मिलने जा रहा है. वीरपुर हवाई अड्डे के पुनर्विकास की मंजूरी मिल चुकी है, जिससे यह हवाई अड्डा भविष्य में यात्रियों की उड़ान सेवा के लिए पूरी तरह सक्षम बनाया जाएगा. इससे न सिर्फ जिले की कनेक्टिविटी बढ़ेगी, बल्कि निवेश और पर्यटन के नए रास्ते भी खुलेंगे. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय की प्रोजेक्ट इवैल्यूएशन कमेटी (पीईसी) ने इस योजना के पहले चरण में छह छोटे हवाई अड्डों के लिए 25-25 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत करने की सिफारिश की. इसके अलावे राज्य सरकार द्वारा 88.83 एकड़ भूमि अधिग्रहण के लिए 42.37 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गयी. वर्तमान में एयरपोर्ट के पास 62.16 एकड़ जमीन उपलब्ध है, जो भूमि अधिग्रहण के बाद बढ़कर 150.16 एकड़ हो जाएगी. इससे रनवे की लंबाई तीन किलोमीटर तक बढ़ाई जा सकेगी, जिससे बड़े विमानों की लैंडिंग भी संभव हो पाएगी. स्थानीय विकास की रफ्तार को मिलेगा बल इन दोनों बड़ी घोषणाओं से साफ है कि सुपौल अब विकास के पथ पर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है. यह जिला अब सिर्फ सीमावर्ती क्षेत्र नहीं, बल्कि बिहार के उभरते केंद्र के रूप में अपनी पहचान बना रहा है.

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