राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के नामित ज्ञापन डीएम को सौंपा सुपौल. बांग्लादेश में हिन्दू, सिक्ख, जैन व बौद्धों पर हो रहे अत्याचार के विरोध में शनिवार को सर्व सनातन समाज के बैनर तले गांधी मैदान से आक्रोश पद यात्रा निकाली गयी. आक्रोश पद यात्रा मार्च गांधी मैदान से निकलकर विभिन्न मार्गों से होते हुए समाहरणालय पहुंचा. जहां एक शिष्टमंडल ने जिलाधिकारी को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के नाम पांच सूत्री मांग पत्र सौंपा. वक्ताओं ने बांग्लादेश में कट्टर पंथियों द्वारा किये जा रहे हिंसा, लूट और हमले की निंदा की. अल्पसंख्यक समाज की संपत्तियों को लूटना, सरकारी नौकरी से जबरन निकाला जा रहा है. राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के नाम सौंपे गये मांग पत्र में कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार बंद को कराने, इस्कॉन के संन्यासी चिन्मय कृष्ण दास को अन्यायपूर्ण कारावास से मुक्त करने, बांग्लादेश में हिंदुओं व अन्य सभी अल्पसंख्यकों पर इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा हमले किये जा रहे हैं. हत्या, लूट, आगजनी व महिलाओं पर हो रहे अमानवीय अत्याचार अत्यंत चिंताजनक है. इस जिला के हम नागरिक इसकी भर्त्सना करते हैं. वर्तमान की बांग्लादेश सरकार तथा अन्य एजेंसियां इसे रोकने के जगह केवल मूकदर्शक बनी हुई है. विवशतावश बांग्लादेश के हिंदुओं द्वारा स्वरक्षण के लिए लोकतांत्रिक पद्धति से उठायी गई आवाज को दबाने के लिए उन्हीं पर अन्याय व अत्याचार का नया दौर उभरता दिख रहा है. ऐसे ही शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में हिंदुओं का नेतृत्व कर रहे इस्कॉन के संन्यासी चिन्मय कृष्ण दास को बांग्लादेश सरकार द्वारा कारावास भेजना अन्यायपूर्ण है. यात्रा में आदित्य नाथ झा, विकास कुमार, डॉ विनोद कुमार, संतोष प्रधान, सुमनचंद, सुरेश सुमन, रंधीर ठाकुर, संजीव कुमार सोनू, डॉ विश्वमोहन कुमार, चंद्र मोहन आर्य, लक्ष्मी नारायण, महामाया चौधरी, सीमा कुमारी, विनीता देवी, शक्ति कुमार सारिका, नीता कुमारी, रंजू जयसवाल, सचेंद्र कुमार नेहरू, सिंधू कुमारी, रंधीर चौधरी, सियावर, जयंत मिश्रा, आदित्य कौशिक, नलिन जायसवाल, श्रवण कुमार, सरोज झा, राहुल झा, कन्हैया सिंह, महेश देव, भगवान चौधरी, राहुल कुमार, सोनू कुमार, अशोक शर्मा, राजीव ठाकुर, प्रभाष मंडल आदि शामिल थे.
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