छातापुर. प्रखंड सह अंचल कार्यालय परिसर स्थित एलएन सभागार में सोमवार को त्रिवेणीगंज एसडीएम शंभूनाथ ने मुखिया के साथ बैठक की. बैठक में सीओ राकेश कुमार व राजस्व कर्मियों के अलावे भूमि सर्वे कार्य से जुडे़ एएसओ, कानूनगो आदि शामिल हुए. बैठक में एसडीएम ने सभी मुखिया से भूमि एवं राजस्व से संबंधित कई विषयों पर चर्चा की. वहीं वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु लगान वसूली के लिए लगने वाले कैंप में सहयोग की अपेक्षा जताई. साथ ही भूमि सर्वे कार्य की स्थिति से भी अवगत हुए. बैठक में मौजूद सभी मुखिया ने लगान वसूली के लिए कैंप में हरसंभव सहयोग करने के प्रति आश्वस्त किया. तत्पश्चात कई पंचायत के मुखिया ने अंचल क्षेत्र में चल रहे भूमि सर्वे कार्य पर सवाल खड़े कर दिया. सर्वे कार्य की असलियत को बयां करते सर्वे कर्ताओं पर कई गंभीर आरोप लगाया और भविष्य इसके दुष्परिणाम से अधिकारियों को अवगत भी कराया. बैठक में सर्वे कार्य को लेकर उठाये गये सवाल पर एसडीएम भौंचक रह गये और इस संदर्भ में सीओ को अविलंब विस्तारित बैठक की तिथि करने का निर्देश दिया.
बंदोबस्ती के नाम पर वसूली जा रही मोटी रकम
मधुबनी पंचायत के मुखिया सीतानंद झा उर्फ सुनील बाबू ने बताया कि तकरीबन पांच साल से भूमि सर्वे का कार्य चल रहा है. लेकिन पंचायत स्थित सबसे छोटा मौजा बरदाहा जयनगरा का सर्वे पूरा नहीं हो पाया है. सर्वेकर्ताओं द्वारा जो भी एलपीएम भूस्वामियों को दिया गया है, उसमें अधिकांश में भारी त्रुटि है. अब त्रुटि सुधार के लिए शिविर का चक्कर लगा रहे भू-स्वामियों से अवैध वसूली हो रही है. बताया कि सैकड़ों एकड़ गैर मजरूआ खाते की जमीन जिसकी पूर्व से जमाबंदी तो चल रही है, लेकिन वैसे जमीन की खरीद-बिक्री या दाखिल खारिज पर रोक है. परंतु उक्त जमीन के बंदोबस्ती के नाम पर मोटी रकम की वसूली हो रही है. अवैध बंदोबस्ती व सर्वे के एवज में सिर्फ उनके पंचायत से अवैध उगाही गई राशि का आंकड़ा करोड़ में रहने की जानकारी मिली है. दलाल व बिचौलिया के माध्यम से हो रहे अवैध वसूली का खेल लगभग सभी मौजा में है और इसकी तत्काल जांच होनी चाहिए. मुख्यालय पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मकसूद मसन ने कहा कि सर्वेकर्ताओं द्वारा भूस्वामियों को कोई सूचना नहीं दी जाती है. सूचना मिलने से भू-स्वामी सर्वे के समय अपने जमीन पर मौजूद रह सकेंगे. नतीजतन सर्वे कार्य को लेकर भूस्वामियों को कुछ भी पता नही चल रहा कि उनकी जमीन का सर्वे हुआ भी या नहीं, बताया कि मोटी रकम लेकर सरकारी विभिन्न किस्म की जमीन का भी अवैध तरीके से खाता खोला जा रहा है. ऐसे में अब तक हुए सर्वे कार्य के तत्काल जांच की दरकार है. डहरिया पंचायत के मुखिया संजीत चौधरी ने बताया कि भूमि सर्वे कार्य में गड़बड़ी के बड़े दुष्परिणाम हो सकते हैं. जमीन का सर्वे के बाद खाता दर्ज किया जाता है और उसी के आधार पर खतियान भी तैयार हो जाता है. इसलिए जिला प्रशासन को सर्वे में व्याप्त विसंगतियों पर गंभीरता दिखानी चाहिए. उधमपुर के मुखिया महानंद प्रसाद यादव ने बताया कि सर्वे कर्ताओं द्वारा किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं दी जाती है. ठक में सर्वे कार्य पर सवाल उठने के बाद एसडीएम ने इस संदर्भ में जल्द ही विस्तारित बैठक करने का आश्वासन दिया था. कहते हैं सीओ सीओ राकेश कुमार ने बताया कि भूमि सर्वे कार्य में गड़बड़ी की शिकायतों को गंभीरता से लिया गया है. लिहाजा आगामी 10 अगस्त को एलएन सभागार में विस्तारित बैठक आहूत की गई है. बैठक में अनुमंडल प्रशासन के अलावे सर्वे कार्य से जुड़े पदाधिकारी व कर्मी, राजस्व कर्मी सहित सभी जनप्रतिनिधि शामिल होंगे. बैठक में शामिल होने के लिए संबंधितों से पत्राचार भी किया जाएगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है