किसानों के लिए सीपेज का पानी बना है अभिशाप
किसानों के लिए सीपेज का पानी बना है अभिशाप
सैकड़ों किसानों के लिए सीपेज का पानी बना है अभिशाप, हजारों एकड़ जमीन में नहीं होता है कोई फसल
फोटो- 21 कैप्सन – खेतों में जमा पानी.
प्रतिनिधि, किशनपुररेलवे लाइन के पूरब भाग चैनल की खुदाई नहीं होने से हजारों एकड़ जमीन बंजर बनी हुई है. चैनल के बन जाने से अंदौली, बैजनाथपुर, थरिया, थरबिटिया, रतनपुरा, फुलकाहा, खखई के लोगों की उपजाऊ जमीन सीपेज से मुक्त हो जायेगा. प्रखंड के दस गांव तक बाढ़ और सुखाड़ में जल-जमाव रहता है. बरसात के दिनों में तो वहां 03 से 04 फीट तक पानी बहता है. जल जमाव के कारण सुखाड़ में भी ऐसे खेतों में बहुत कम ही जगह पर लोग फसल लगा पाते हैं. उस पर उनकी कटनी का समय आने तक खेतों में सीपेज का पानी भर जाता है. कुछ वर्ष पूर्व सीपेज के पानी से बने इस गंभीर समस्या के निदान के लिए सरकारी अधिकारी से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा इस दिशा में कोई काम नहीं किया जा रहा है. जिस वजह से प्रखंड के कुछ हिस्सों के लिए सीपेज वर्षों से अभिशाप बना हुआ है.
किसान हैं बेहाल
कुमरगंज, रतनपुरा, कदमपुरा, बेलही के किसान जगदीश यादव, शैलेंद्र यादव, बिंदेश्वरी यादव, बिजेंद्र यादव आदि ने बताया कि सीपेज के पानी का समाधान कब होगा, इस बारे में उन लोगों को कोई जानकारी नहीं मिल रही है. वे लोग सरकारी महकमे एवं सांसद-विधायक के ऊपर अपना भरोसा रखा हुआ है कि इस बार के सांसद विधायक इस सीपेज का कोई निदान निकालेंगे. लेकिन चुनाव के समय तो सभी लोग कहते हैं कि जब हम चुनाव जीतेंगे तो इस बार विधानसभा और लोकसभा में मुद्दे को उठाएंगे और स्थानीय निदान करायेंगे. लेकिन जैसे ही चुनाव जीतकर जाते है तो फिर अगले चुनाव ही वोट मांगने आते हैं.
किसान राधे चौधरी, शंकर चौधरी, तरिणी चौधरी, पंचम चौधरी, राम चौधरी, भूषण चौधरी, कार्तिक चौधरी, सत्यनारायण यादव, तपेश्वरी यादव, इंद्रदेव यादव, वासुदेव कुमार, लाल यादव, राधेश्याम यादव, गणेश यादव आदि ने बताया कि सरकार को इस समस्या का समाधान करना चाहिए. जिससे हजारों लोगों का खेत उपजाऊ बन सके. कहा कि जब तक यह समस्या दूर नहीं होगी, तब तक क्षेत्र में परेशानी बनी रहेगी. सीपेज के कारण हजारों परिवार प्रभावित हैं. लेकिन एक चैनल के खुदाई की दिशा में कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है, जो दुखद है. पूर्वी कोसी तटबंध के किलोमीटर समीप चैनल खुदाई होने से सीपेज का पानी घाघर नदी में जाकर गिरेगा और फिर सभी किसानों की जमीन सीपेज से मुक्त हो जायेगी.
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