शारदा सिन्हा ने बोलियों की दीवार को फांदकर विशुद्ध मैथिली गाने की खींच दी नई लकीर : राघव

स्वर कोकिला शारदा सिन्हा भले ही हम लोगों के बीच नहीं रही. लेकिन उनके गए गीत ताउम्र जिंदा रहेगा

By Prabhat Khabar News Desk | November 8, 2024 6:08 PM

– शारदा सिन्हा के निधन पर गांधी मैदान में श्रद्धांजलि सभा का हुआ आयोजन सुपौल सार्वजनिक पूजा स्थल गांधी मैदान परिसर में शुक्रवार को स्वर कोकिला, सुपौल की बेटी स्व शारदा सिन्हा के निधन पर एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. नगर परिषद के मुख्य पार्षद राघवेंद्र झा राघव के नेतृत्व में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. मुख्य पार्षद श्री राघव ने कहा कि स्वर कोकिला शारदा सिन्हा भले ही हम लोगों के बीच नहीं रही. लेकिन उनके गए गीत ताउम्र जिंदा रहेगा. कहा कि एक साधारण गांव में पली बढ़ी स्व शारदा सिन्हा ने सुपौल जिले को राष्ट्रीय ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलायी. कहा कि बिहार की एक बड़ी आबादी की शादी में स्व शारदा सिन्हा द्वारा गये गए गीत ””राष्ट्र गीत”” की तरह थे. बोलियों की दीवार को फांदकर इन विशुद्ध मैथिली गाने ने नई लकीर खींच दी थी. शारदा जी के गीतों ने भाषाई समझ की नई परिभाषा गढ़ दी थी. जिसे लोग सदियों याद रखेंगे. खासकर उनके द्वारा गए गए छठ गीत की एक अलग ही पहचान है. साथ ही उन्होंने शारदा सिन्हा को भारतरत्न देने की मांग की. श्रद्धांजलि सभा में नागेन्द्र नारायण ठाकुर, डॉ विजय शंकर चौधरी, अमर कुमार चौधरी, अमरेंद्र कुमार अमर, मो जमालउद्दीन, डॉ राजाराम गुप्ता, सुब्रत मुखर्जी, रामदेव सिंह, विनय भूषण सिंह, हरेकांत झा, रामकुमार चौधरी, सुरेंद्र नारायण पाठक, गिरीश चंद्र ठाकुर, डॉ अमन, मनीष सिंह, गगन ठाकुर, जावेद अख्तर, कन्हैया सिंह, रवि जैन, ओमप्रकाश, शंकर राम, सतीश कुमार, शिवराम यादव, गोपाल सिंह, उपेन्द्र सिंह, मिंकु सिंह, मिथिलेश कुमार, बद्री ठाकुर, बैजू चौधरी, राजकुमार, हर्ष, संदीप ठाकुर, राजेश कुमार मल्लिक, शिवजी आदि मौजूद थे.

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