श्रीकृष्ण जन्माष्टमी आज, तैयारी पूरी, जगह-जगह मेला का होगा आयोजन

28 अगस्त को प्रतिमा विसर्जन एवं मटका फोड़ प्रतियोगिता का कार्यक्रम होगा

By Prabhat Khabar News Desk | August 25, 2024 9:11 PM

– सदर प्रखंड के कर्णपुर में 28 अगस्त को मटका फोड़ का किया जायेगा आयोजन सुपौल. जिले में श्री कृष्ण जन्माष्टमी पूजन व मेला को लेकर चहुंओर हर्ष का माहौल है. कई स्थानों पर भव्य मेले का आयोजन किया गया है. जिसकी तैयारी पूरी कर ली गयी है. भगवान का जन्मोत्सव 26 से 28 अगस्त तक मनाया जाएगा. 26 अगस्त की रात्रि में भगवान का जन्म होगा. 27 अगस्त को पूजा व मेला का आयोजन किया जाएगा. वहीं 28 अगस्त को प्रतिमा विसर्जन एवं मटका फोड़ प्रतियोगिता का कार्यक्रम होगा. इसके लिए सभी आवश्यक तैयारी पूरी की जा रही है. सदर प्रखंड स्थित कर्णपुर उत्तर व कर्णपुर दक्षिण, बलहा, जगतपुर, बसबिट्टी, हरदी सहित भेलाही वार्ड नंबर 19 एवं वार्ड नंबर 21 व अन्य जगहों पर मेला कमेटियों द्वारा व्यापक तैयारी की जा रही है. कलाकारों द्वारा प्रतिमा को अंतिम रूप दिया जा रहा है. वहीं मंदिरों की विशेष सजावट फूलों व लड़ियों के साथ किया जा रहा है. दूसरी ओर मेला व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी तैयारियां की जा रही है. जिसको लेकर भव्य पांडाल व स्टेज सजाए जा रहे हैं. खास तौर पर कर्णपुर उत्तर व दक्षिण में कृष्णाष्टमी का त्योहार मनाने की वर्षों से परंपरा रही है. इस दौरान यहां भव्य मेला का आयोजन किया जाता है. मटका फोड़ प्रतियोगिता में कई गोंविदा की टोली शामिल होते हैं. इस दौरान भगवान श्रीकृष्ण बलराम, राधा, रुक्मिणी, देवकी एवं वासुदेव की प्रतिमा भी बनाई जाती है. पंडित आचार्य धर्मेंद्रनाथ मिश्र ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र अर्धरात्रि के समय वृष राशि के चंद्रमा में हुआ था. उन्होंने कृष्ण जन्माष्टमी तिथि एवं व्रत महत्व पर शास्त्रोक्त वचन के रहस्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस बार कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत एवं कृष्ण जन्म पूजन उत्सव 26 अगस्त सोमवार को है. बताया कि भगवान श्री कृष्ण का स्वरूप आज से 05 हजार वर्ष पहले जितना सार्थक था आज भी उतना ही सार्थक है. उनके स्वरूप, गुण, क्रियाएं की व्याख्या कुछ पंक्तियों में समेटी नहीं जा सकती. बताया कि जन्माष्टमी के दिन कृष्ण पूजन सामान्य विधि से सभी करते हैं. लेकिन मंत्रोक्त विशेष साधना करने से कार्य में विशेष सफलता प्राप्त होती है. साधकों एवं उपवासकों को पूरे परिवार के साथ श्री कृष्ण पूजन के साथ ही मंत्रों को साधना करने से समस्त प्रकार के विघ्न बाधाओं को दूर कर सभी मनोवांछित फलों की प्राप्ति कराता है.

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