बिजली विभाग के खिलाफ दर्जनों ग्रामीणों ने दिया धरना, जेई व ऊर्जा मंत्री के विरुद्ध जमकर लगाये नारे
जेई व ऊर्जा मंत्री के विरुद्ध जमकर लगाये नारे
ग्रामीणों ने कहा- जेई की मिलीभगत से बिजली मिस्त्री करते हैं अवैद्य उगाही फोटो- 11 कैप्सन – धरना पर बैठे ग्रामीण. प्रतिनिधि, त्रिवेणीगंज बिजली विभाग की कार्यशैली हमेशा से सवालों के घेरे में रहा है. बिजली विभाग की लापरवाही एवं जेई की मनमानी के खिलाफ दर्जनों ग्रामीण मंगलवार को पशु अस्पताल परिसर में अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गये. धरना पर बैठे ग्रामीण बिजली विभाग के जेई, कर्मी व बिहार सरकार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. धरना पर बैठे ग्रामीणों का आरोप है कि अक्सर शाम के समय बिजली काट दी जाती है. इस भीषण गर्मी में समुचित वोल्टेज नहीं मिलने से भयंकर परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लतौना दक्षिण पंचायत के शिवनगर सहित अन्य गांवों में बिजली आपूर्ति के लिए लगाये गये केबल महज एक हाथ की ऊंचाई पर है. जिससे हमेशा जान-माल के खतरे का अंदेशा बना रहता है. बताया कि शॉर्ट सर्किट के कारण कई बार तार टूट कर गिर जाता है. इस समस्या को लेकर जेई से संपर्क किया जाता है तो वे बात को टाल देते हैं. अंत में जब मिस्त्री से संपर्क करते हैं तो मिस्त्री द्वारा रुपये की मांग की जाती है. धरना पर बैठी पीड़िता रूचिया देवी, मालती देवी, श्यामा देवी, शशि सरदार, राजू यादव, राजकुमार सरदार, कौशल यादव समेत अन्य ग्रामीणों का आरोप है कि जेई की मनमानी रवैया और मिस्त्री से मिलीभगत के कारण अवैद्य उगाही की जाती है. इस तरह की समस्या विगत दो वर्षों से बनी है. अधिकारियों से मिलने के बाद भी आज तक इन समस्याओं का समुचित समाधान नहीं हो पाया है. जिससे तंग आकर ग्रामीण अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गये. ग्रामीणों ने बताया कि यहां जेई की मनमानी चरम पर है. जेई बिल्कुल भी लोगों की समस्याओं नहीं सुनना चाहते हैं. धरना की जानकारी मिलने के तीन घंटे बाद बिजली विभाग के एसडीओ आकाश कुमार टीम के साथ धरना स्थल पर पहुंचे और लोगों से बातचीत की. साथ ही उनकी समस्याओं को जल्द निदान करने का आश्वासन दिया. मौके पर बिजली विभाग के एसडीओ आकाश कुमार ने कहा कि जेई पर जो भी आरोप इनलोगों के द्वारा लगाया गया है, अगर लिखित शिकायत मिलती है तो जांचकर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. बिजली विभाग के एसडीओ के आश्वासन के बाद धरना पर बैठे लोग धरना समाप्त करने पर राजी हुए.
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