छातापुर. युवा समाजसेवी सुभाष कुमार यादव प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न समस्याओं को लेकर जिला मुख्यालय पहुंचे. समाहरणालय में डीएम से मिलकर मांग पत्र सौंपा और निदान की दिशा में आवश्यक पहल करने की मांग की. आवेदन में सुभाष ने सुरसर नदी के क्षतिग्रस्त तटबंध का निर्माण जल्द से जल्द करवाने, बस पड़ाव से झखाड़गढ़ की ओर जाने वाली जर्जर पक्की सड़क के निर्माण, नल जल योजना की बदहाल स्थिति, सुरसर नदी पर धोबी घाट के समीप उच्च स्तरीय पुल का निर्माण कराने का अनुरोध किया है. सुभाष ने बताया कि डीएम ने सभी समस्याओं को गंभीरता से सुना और निदान का आश्वासन दिया है. सुभाष ने बताया कि सुरसर नदी का तटबंध दशकों से क्षतिग्रस्त है और नदी का प्रवाह खुले रूप से हो रहा है. 2008 के कुशहा त्रासदी के बाद से नदी में पहले से पांच गुणा अधिक जलस्राव बढ़ चुका है. ऐसे में तटबंध नहीं रहने से नदी से निकला पानी भारी तबाही मचाती है और हजारों एकड़ में लगी फसल प्रभावित हो जाता है. तेज कटाव के कारण अब तक दर्जनों परिवार के घर नदी में समा गये हैं. किसानों की निजी उपजाऊ जमीन को नदी साल दर साल निगलती जा रही है. खासकर मानसून काल में होने वाले भारी नुकसान से इलाके के लोग सुरसर को शोक की नदी कहने लगे हैं. प्रखंड के उत्तरी सीमा ठूंठी पंचायत से लेकर दक्षिण सीमा राजेश्वरी पश्चिम तक हजारों की आबादी नदी का प्रकोप झेलने को मजबूर हैं. लेकिन बड़े जनप्रतिनिधि हो या प्रशासनिक अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे. हालांकि जन निस्सरण विभाग के अभियंताओं ने कई बार नदी के क्षतिग्रस्त तटबंध का जायजा लिया है. उनके द्वारा कई बार तटबंध निर्माण का प्रस्ताव भी सरकार को भेजा गया. लेकिन अब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है. अभियंता से पूछने पर राशि आवंटित नहीं रहने की बात बताई जाती है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है