बेईमानी, चोरी, झूठ व क्रोध से रहें दूर – बबिता दीदी

नैतिक मूल्यों की धारणा से ही मानव मन की आंतरिक शक्तियों का विकास होता है

By Prabhat Khabar News Desk | September 1, 2024 6:25 PM
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प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय परिसर में एक दिवसीय संगोष्ठी राघोपुर. प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सिमराही के तत्वावधान में रविवार को एक दिवसीय संगोष्ठी एवं मोटिवेशनल प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ स्थानीय सेवा केंद्र प्रभारी राजयोगिनी बबीता दीदी, मोटिवेशनल प्रशिक्षक रमन भट्टराई, डॉ शशिभूषण चौधरी, वीरेंद्र प्रसाद साह, राकेश कुमार, बैद्यनाथ भगत, भूपेन्द्र यादव, मुकुंद अग्रवाल, राकेश कुमार, राजकुमार चांद, तेज नारायण यादव, ब्रह्माकुमार बालकृष्ण भाई, ब्रह्माकुमार किशोर भाई, किरण देवी, मंजू देवी, सावित्री देवी सहित अन्य ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. कार्यक्रम को संबोधित करते मोटिवेशनल प्रशिक्षक ब्रह्माकुमार रमन भटराई ने कहा कि आदर्श समाज में नैतिक, सामाजिक मूल्य और आध्यात्मिक मूल्य प्रचलित होते है. जिससे बेहतर जीवन जीने के लिए मार्गदर्शन मिलता है. नैतिक मूल्यों की धारणा से ही मानव मन की आंतरिक शक्तियों का विकास होता है. कहा कि मूल्य जीवन की सुन्दरता, शृंगार एवं वरदान है. मूल्य तो मानव जीवन के चरित्र का द्योतक है. नैतिक मूल्यों के आधार से ही अपने कमजोरियों का हम सफलता पूर्वक सामना कर नकारात्मक बातों पर जीत प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि मूल्य ही जीवन की निधि है, जिससे हम सम्पन्न बन सकते है. मूल्य जीवन में खुशी प्रदान करने वाले हमारे सच्चे मित्र है. उन्होंने नैतिक शिक्षा का महत्व बताते हुए कहा कि सहनशीलता, नम्रता, धैर्यता, शीलतता, शांति, भाईचारा, स्नेह आदि सद्गुणों से ही व्यक्तित्व का विकास होता है. उन्होंने बताया कि नैतिक मूल्यों के बिना हमारा जीवन सामाजिक और व्यवसायिक रूप में पिछड़ जाता है. नैतिक मूल्यों की धारणा से जीवन में आने वाली विभिन्न परीक्षाओं में हम सफलता पूर्वक पास हो सकते है. वहीं स्थानीय सेवा केन्द्र संचालिका ब्रह्माकुमारी बबिता दीदी ने कहा कि अवगुण हमारे शत्रु है. उन्होंने उपस्थित लोगों को बेईमानी, चोरी, झूठ, व्यसन, नशा, क्रोध से दूर रहने की सलाह दी. उन्होंने ईश्वरीय ज्ञान और राजयोग का अभ्यास कर पारंपरिक संस्कृति अपनाने को कहा. राघोपुर. प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सिमराही के तत्वावधान में रविवार को एक दिवसीय संगोष्ठी एवं मोटिवेशनल प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ स्थानीय सेवा केंद्र प्रभारी राजयोगिनी बबीता दीदी, मोटिवेशनल प्रशिक्षक रमन भट्टराई, डॉ शशिभूषण चौधरी, वीरेंद्र प्रसाद साह, राकेश कुमार, बैद्यनाथ भगत, भूपेन्द्र यादव, मुकुंद अग्रवाल, राकेश कुमार, राजकुमार चांद, तेज नारायण यादव, ब्रह्माकुमार बालकृष्ण भाई, ब्रह्माकुमार किशोर भाई, किरण देवी, मंजू देवी, सावित्री देवी सहित अन्य ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. कार्यक्रम को संबोधित करते मोटिवेशनल प्रशिक्षक ब्रह्माकुमार रमन भटराई ने कहा कि आदर्श समाज में नैतिक, सामाजिक मूल्य और आध्यात्मिक मूल्य प्रचलित होते है. जिससे बेहतर जीवन जीने के लिए मार्गदर्शन मिलता है. नैतिक मूल्यों की धारणा से ही मानव मन की आंतरिक शक्तियों का विकास होता है. कहा कि मूल्य जीवन की सुन्दरता, शृंगार एवं वरदान है. मूल्य तो मानव जीवन के चरित्र का द्योतक है. नैतिक मूल्यों के आधार से ही अपने कमजोरियों का हम सफलता पूर्वक सामना कर नकारात्मक बातों पर जीत प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि मूल्य ही जीवन की निधि है, जिससे हम सम्पन्न बन सकते है. मूल्य जीवन में खुशी प्रदान करने वाले हमारे सच्चे मित्र है. उन्होंने नैतिक शिक्षा का महत्व बताते हुए कहा कि सहनशीलता, नम्रता, धैर्यता, शीलतता, शांति, भाईचारा, स्नेह आदि सद्गुणों से ही व्यक्तित्व का विकास होता है. उन्होंने बताया कि नैतिक मूल्यों के बिना हमारा जीवन सामाजिक और व्यवसायिक रूप में पिछड़ जाता है. नैतिक मूल्यों की धारणा से जीवन में आने वाली विभिन्न परीक्षाओं में हम सफलता पूर्वक पास हो सकते है. वहीं स्थानीय सेवा केन्द्र संचालिका ब्रह्माकुमारी बबिता दीदी ने कहा कि अवगुण हमारे शत्रु है. उन्होंने उपस्थित लोगों को बेईमानी, चोरी, झूठ, व्यसन, नशा, क्रोध से दूर रहने की सलाह दी. उन्होंने ईश्वरीय ज्ञान और राजयोग का अभ्यास कर पारंपरिक संस्कृति अपनाने को कहा.

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