16 साल से उम्मीद पाले जनता को इस बार भी मिली निराशा, केंद्रीय मंत्रीमंडल में सुपौल को नहीं मिली जगह

केंद्रीय मंत्रीमंडल में सुपौल को नहीं मिली जगह

By Prabhat Khabar News Desk | June 10, 2024 8:14 PM

सुपौल अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटा सुपौल जिला वर्ष 2009 में स्वतंत्र रूप से लोकसभा क्षेत्र बना. इस लोकसभा क्षेत्र से पहला सांसद बनने का गौरव जदयू के विश्वमोहन कुमार को मिला. लेकिन केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनने के कारण विश्वमोहन कुमार विपक्ष में बैठे. इसके बाद वर्ष 2014 में कांग्रेस के रंजीत रंजन ने जीत दर्ज की. लेकिन केंद्र में मोदी की सरकार बनने के कारण रंजन विपक्ष में बैठी. इसके बाद 2019 व 2024 के लोकसभा चुनाव में जदयू के दिलेश्वर कामैत ने जीत दर्ज की. इस बार कामैत के जीत के बाद लोग काफी सपने पाले हुए थे कि केंद्रीय मंत्रीमंडल में पहली बार सुपौल को प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा. लेकिन रविवार को मंत्रीमंडल गठन के बाद लोगों का सपना अधूरा ही रह गया. हालांकि आशावादी सुपौल के लोगों में अब भी आस है कि मंत्रीमंडल के विस्तार में दिलेश्वर को निश्चित रूप से मंत्रीमंडल में शामिल किया जा सकता है. लेकिन यह तय माना जा रहा है कि इस वित्तीय वर्ष में सुपौल से लंबी दूरी की ट्रेन निश्चित रूप से चलेगी. इसके लिए स्थानीय विधायक सह उर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव भी लंबे समय से प्रयासरत हैं. लंबी दूरी के ट्रेन परिचालन की है आस मंत्रीमंडल गठन के बाद अब लोगों में इस बात को लेकर चर्चा होने लगी कि इस बार भी सुपौल से लंबी दूरी की ट्रेन चलने का सपना आखिर पूरा होगा या नहीं. हालांकि सांसद द्वारा लगातार इन बातों को मंत्रालय से लेकर विभागीय स्तर पर उठाया जा रहा है. देखना यह दिलचस्प होगा कि कामैत को दोबारा ताजपोशी करने वाली जनता कब लंबी दूरी की ट्रेन पर अपना सफर कर सकेंगे. मिथ्या तोड़ने में सफल रहे दिलेश्वर सुपौल लोकसभा क्षेत्र के बारे में यह चर्चा थी कि जो प्रत्याशी यहां से जीत दर्ज करता है उसकी सरकार केंद्र में नहीं बनती है. लेकिन पिछले दो चुनाव से जदयू प्रत्याशी ने इस मिथ्या को तोड़ डाला. लगातार दो बार सुपौल लोकसभा क्षेत्र से दिलेश्वर कामैत ने जीत दर्ज की और केंद्र में एनडीए की सरकार बनी भी. लोगों का आस अब राजनाथ पर टिकी लोकसभा चुनाव के दौरान एनडीए प्रत्याशी दिलेश्वर कामैत के पक्ष में चुनावी सभा करने 01 मई को गांधी मैदान पहुंचे पूर्व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंच से लोगों को अश्वासन दिया था कि अगर दिलेश्वर कामैत यहां से जीत कर जाते हैं तो आपकी मांग पूरी होगी. उन्होंने मंच से श्री कामैत को कहा कि आप मुझे याद करवा देंगे. चाहे जैसे भी हो सुपौल से लंबी दूरी की ट्रेन चलेगी. अब देखना होगा कि चुनावी सभा में किये किये वादे कब पूरे होते हैं या यह चुनावी बातें सिद्ध होगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version