Bihar News: छह साल के मासूम को क्यों और किसने दिया हथियार? पिता के पकड़े जाने पर खुलेगा राज
सुपौल में बुधवार को हुई एक घटना ने सबको हैरत में डाल दिया. यहां एक छह साल के मासूम ने दस साल के छात्र को स्कूल में गोली मार दी. मामले में पुलिस ने प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया है और बच्चे के पिता की तलाश की जा रही है. वो फरार हैं.
Bihar News: सुपौल के त्रिवेणीगंज में निजी स्कूल में गोलीबारी से इलाके में सनसनी है. सब के मन में एक ही सवाल है कि आखिर नर्सरी का छात्र कैसे और क्यों पिस्टल लेकर स्कूल पहुंचा और अपने एक सीनियर छात्र को गोली भी मार दी. इस मामले में पुलिस ने जहां स्कूल संचालक को गिरफ्तार किया है, वहीं विधि निरूद्ध बच्चे का पिता पिस्टल लेकर फरार है. पुलिस विधि निरुद्ध बच्चे के पिता की तलाश में जुटी है. इस घटना से निजी स्कूल संचालक भी अचंभित हैं. इस घटना के बाद उन्हें डर सता रहा है.
उठ रहे सवाल, क्यों मारी गोली?
इस घटना के बारे में जिसने भी सुना, वह हैरान हो गया है. सबके मन में एक ही सवाल है कि आखिर नर्सरी में पढ़ने वाले मासूम ने छात्र को गोली क्यों मारी? इससे भी बड़ी बात की आखिर मासूम को पिस्टल कहां से और कैसे मिल गयी. ऐसे में जब विधि निरुद्ध बच्चे का पिता मुकेश कुमार यादव पुलिस के हाथ नहीं आता तब तक इसका स्पष्ट जवाब मिलना मुश्किल है.
रील व रियल लाइफ के फर्क को नहीं समझ रहे अभिभावक
त्रिवेणीगंज के निजी स्कूल में घटित घटना पर दुख व्यक्त करते दिल्ली विश्वविद्यालय में मनोवैज्ञानिक पद पर कार्यरत प्रो नवीन कुमार ने बताया कि रील और रियल लाइफ में अभिभावक फर्क नहीं समझ रहे हैं. जिस कारण समाज में इस प्रकार के हिंसक घटना सामने आ रही है. घटना के पीछे सोशल मीडिया का भी बहुत बड़ा रोल है. सोशल मीडिया पर डाले जा रहे हिंसक वीडियो का अनुसरण बच्चे करते हैं. जिस कारण उसमें हिंसा की प्रवृत्ति होती है. जो आगे चलकर खतरनाक रूप लेते हैं. बच्चों को सोशल मीडिया से दूर रखना अभिभावकों की जिम्मेवारी है. अभिभावक को रील और रियल लाइफ में फर्क भी समझना जरूरी है.
प्रो कुमार ने कहा कि इस प्रकार के घटना के लिए परिवार का विघटन भी मुख्य कारण होता है. धीरे-धीरे संयुक्त परिवार की परिकल्पना खंडित हो रही है. लोग अपने आपको एकल परिवार में एडजेस्ट करने लगे हैं. जिसका नतीजा होता है कि बच्चों को पारिवारिक माहौल नहीं मिल पाता है. बच्चे घर में अकेलापन को दूर करने के लिए सोशल मीडिया, कार्टून व फनी वीडियो गेम की ओर आकर्षित होते हैं. इसकी जानकारी अभिभावकों के व्यस्त दिनचर्या रहने के कारण नहीं होती है. जिसका परिणाम त्रिवेणीगंज की घटना को दर्शाता है.
परिवार का माहौल हो सकता है जिम्मेदार
किशोर न्याय परिषद के पूर्व सदस्य भगवानजी पाठक ने बताया कि यह घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. एक समाज के तौर पर हम कहां जा रहे हैं, इस पर सोचने की जरूरत है. इस घटना के लिए विधि निरुद्ध बच्चे के अभिभावक जिम्मेदार है. बच्चे ने इतना बड़ा हिंसक कदम उठाया है तो इसके लक्षण पहले से ही आ रहे होंगे. आज कल अभिभावक मोबाइल में अपने आप में व्यस्त रहते हैं. बच्चों की बातों को अनसुना करते हैं. जिससे बच्चे के अंदर क्रोध पैदा होता है. इसके अलावा परिवार में भी हिंसक माहौल रहा होगा, तभी बच्चे ने इतना बड़ा कदम उठाया है. वहीं आज कल के बच्चे भी हिंसक वीडियो गेम खेल रहे हैं. जिसमें किसी को घोड़े पर से गिरा देना, किसी को छत पर से गिरा देना, किसी को गोली मार देना यही सीखते हैं. जो कार्टून भी देखते हैं, उसमें भी हिंसा होती है. कार्टून में शैतानी और शरारत करने वाले बच्चों को प्रमोट किया जाता है. जिससे बच्चे ऐसा ही बनना चाहते हैं.
पाठक ने कहा कि बच्चों की सही देखभाल के लिए जरूरी है कि अभिभावक बच्चों को पर्याप्त समय दें. माता-पिता बच्चों से बात करें और अच्छी बातें करें. बच्चों को मोटिवेशनल कहानियां सुनाएं. बार-बार अपने बच्चों को उसके मुंह पर कमजोर साबित नहीं करें. बच्चों की गलतियां पर उन्हें सीख देते हुए खुशनुमा व्यवहार करें.
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सेंट जॉन स्कूल में बच्चा अपने घर से स्कूल बैग में पिस्टल लेकर चला आया था. असेंबली के वक्त गोलीबारी में 10 वर्षीय छात्र के बायें हाथ की तलहथी में गोली लगी. जिसका इलाज चल रहा है. स्कूल के डायरेक्टर को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है. स्कूल में ग्रामीणों ने तोड़फोड़ भी की है. विधि निरुद्ध बच्चे की उम्र 06 से 07 साल के बीच है. पुलिस अनुसंधान में जुटी है.
विपीन कुमार, एसडीपीओ त्रिवेणीगंज