बलुआ बाजार. छातापुर प्रखंड क्षेत्र के ठूठी पंचायत के चैनपुर स्थित दुर्गा काली मंदिर में आदि काल से ही दुर्गापूजा धूमधाम से किया जा रहा है. बताया जाता है कि यह मंदिर आसपास के लोगों के लिए एक आस्था का केंद्र है. यहां जो भी भक्त मैया के दरबार में श्रद्धा के साथ पूजा अर्चना करते हैं उनकी सारी मुरादें माता पूरी करती है. मंदिर में बलि प्रथा का भी प्रचलन है. स्थानीय लोगों ने बताया कि चैनपुर मंदिर आसपास के क्षेत्र का प्राचीन मंदिर है. जहां हर साल तांत्रिक विधि से पूजा अर्चना की जाती है. बताया जाता है कि आजादी के समय से ही चैनपुर दुर्गा मंदिर में पूजा अर्चना होती आ रही है. पूजा में मां दुर्गा व काली के अलावे अन्य देवी देवताओं की प्रतिमा भी स्थापित है. प्रतिमा के निर्माण के लिए बाहर से कलाकारों को भी बुलाया जाता है. कहा जाता है कि पूर्व से ही पाठक परिवार इस मंदिर में पूजा अर्चना करते आ रहे हैं. पूजा अर्चना की जिम्मेदारी विद्यानंद पाठक के जिम्मे है. विद्यानंद पाठक ने बताया कि दुर्गापूजा पूरे पाठक परिवार के लिए एक धरोहर है. परंपरा के अनुरूप वे लोग इसे निभाते आ रहे हैं. मंदिर की माता का दूसरा रूप दरभंगा में है. स्थानीय ग्रामीण ब्रह्मानंद पाठक, श्रीपति पाठक, महानंद पाठक, मयानंद पाठक, अरुण पाठक, रमेश चंद्र पाठक, मिथिलेश पाठक, प्रशांत पाठक, राहुल पाठक समेत अन्य ग्रामीण भी पूजा पाठ में सहयोग करते हैं. धूमधाम से की जा रही है पूजा अर्चना मंदिर समिति के सदस्य ने बताया कि इस बार दुर्गापूजा काफी धूमधाम से की जा रही है. बताया कि यहां सुरक्षा की दृष्टिकोण से पुलिस बल के अलावे मंदिर कमेटी के दर्जनों कार्यकर्ताओं की तैनाती की जाती है. बताया कि नवमी से लेकर विजयादशमी तक यहां पूजा-अर्चना के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. अष्टमी और नवमी को होता है छाग की बलि मंदिर के पंडित रमेश चंद्र पाठक ने बताया कि यह मंदिर मिथिला का एक ऐतिहासिक मंदिर है. दुर्गापूजा में अष्टमी और नवमी को बड़ी संख्या में श्रद्धालु छाग की बलि देने के लिए यहां आते हैं.
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