नहीं कम हो रहा बाढ़ पीड़ितों का दर्द
एनएच पर तंबू लगाकर लिए हैं शरण
एनएच पर तंबू लगाकर लिए हैं शरण
सरायगढ़. कोसी नदी में आई भीषण बाढ़ के बाद पानी घटने के बावजूद भी लोगों की परेशानी कम नहीं हो रही है. तटबंध के भीतर बसे लोग एनएच 57 किनारे, कोशी पूर्वी तटबंध किनारे एवं गाइड बांध किनारे तंबू बना कर शरण लिए हुए हैं. शरणार्थी अनाज, कपड़ा बर्तन सहित अन्य रोजमर्रा की आवश्यकता होने वाली समान सड़क किनारे रखकर खानाबदोश की जिंदगी जीने को विवश हैं. वैसे सरकारी स्तर बाढ़ प्रभावित सामुदायिक किचन चलाया जा रहा है. जहां सामुदायिक किचन की व्यवस्था नहीं है. वहां सूखा राशन का वितरण किया गया है. पशु चारा का वितरण किया गया है. जो पर्याप्त नहीं है. सबसे बड़ी समस्या पशुओं को लेकर है. जिस कारण पशु चारा को लेकर पशुपालकों में परेशानियों बढ़ती जा रही है. गाय, भैंस,बकरी को सड़क किनारे बांध कर देखभाल में जुटे हुए हैं. बाढ़ प्रभावित परिवारों ने बताया कि हाइवे किनारे तंबू बनाकर रह रहे हैं. खाना खाने सामुदायिक किचन सेंटर में जाते हैं. लेकिन सबसे बड़ी समस्या पानी पीने और शौचालय को लेकर बनी हुई है. खेती बाड़ी भी चौपट हो गयी है. सीओ धीरज कुमार ने बताया कि बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए प्रखंड क्षेत्र में पांच जगहों पर सामुदायिक किचन सेंटर चलाया जा रहा है. जहां पर किचन सेंटर चलाने की व्यवस्था नहीं है. वहां सुखा राशन का वितरण किया गया है. और पॉलीथिन शीट भी दी जा चुकी है. प्रशासन द्वारा सतत निगरानी बरती जा रही है. फिलहाल कोई खतरा नहीं है.
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