जदिया. स्थानीय बाजार में जाम की समस्या विकराल होती जा रही है. प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता के कारण जदिया बाजार की दो मुख्य सड़कें, एनएच 327 ई और एसएच 91, अतिक्रमण की चपेट में है. लोगों को पैदल चलने में भी काफी परेशानी हो रही है. मालूम हो कि जदिया बाजार, जो हनुमान मंदिर चौक से लेकर पेट्रोल पंप तक एनएच 327 ई सड़क के रूप में जाना जाता है और हनुमान मंदिर से लेकर राधाकृष्ण मंदिर तक एसएच 91 सड़क के रूप में, अवैध रूप से ऑटो, ई-रिक्शा और बस स्टैंड के रूप में तब्दील हो गया है. ऑटो और ई-रिक्शा चालकों की मनमानी से यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है. बड़े वाहन चालक सड़क पर ही यात्रियों को चढ़ाते उतारते हैं. दूसरी ओर, एसएच 91 की बाकी सड़कों पर अवैध ठेला व छोटे दुकानदारों ने कब्जा जमा लिया है, जिससे यहां भी यात्रियों को गतिशीलता में परेशानी हो रही है. बाइक चालक भी बीच सड़क पर यात्रा करते हुए अक्सर जाम उत्पन्न कर देते हैं, जिससे सामान्य यात्रियों को बड़ी परेशानी होती है.
बस स्टैंड की है आवश्यकता
जदिया बाजार में लंबे समय से बस स्टैंड की आवश्यकता महसूस की जा रही है, जिससे एनएच 327 ई और एसएच 91 की लंबी दूरी यात्री बसों के लिए अधिक उपयुक्त हो सके. इसके अलावा, ऑटो और ई-रिक्शा खड़ी करने के लिए निर्धारित स्थान न होने से चालकों को यात्रियों को चढ़ाने और उतारने में कठिनाई हो रही है. सरकारी स्तर पर बस स्टैंड न होने से राजस्व की क्षति हो रही है, जबकि अधिकांश यात्रियों को रोजाना यहां से अनगिनत बसें और ऑटो और ई-रिक्शा मिलती हैं.
कार्य योजना बनाने की है जरूरत
स्थानीय प्रशासन को जाम समस्या को हल करने के लिए कार्ययोजना तैयार करनी चाहिए, जिससे यात्रियों को आराम से सड़क पर गतिशीलता मिले. वाहन चालकों के लिए एक मापदंड तैयार कर जाम से निजात दिलाई जा सके, जैसे कि पिछले वर्षों में त्रिवेणीगंज, मीरगंज-रानीगंज, और छातापुर के रुकने के स्थलों की तरह. समाधान के बिना, जदिया बाजार में जाम की समस्या का हल संभव नहीं है, जो लोगों को यात्रा करते समय अधिक अवांछनीय परेशानियों से गुजरने को मजबूर करती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है