संतों के आगमन से जागृत होती है धर्म की भावना : साध्वी
तेरापंथ धर्म संघ के 11वें आचार्य महाश्रमण की शिष्या का जैन धर्मावलंबियों ने किया स्वागत
– तेरापंथ धर्म संघ के 11वें आचार्य महाश्रमण की शिष्या का जैन धर्मावलंबियों ने किया स्वागत प्रतापगंज. तेरापंथ धर्म संघ के 11वें आचार्य महाश्रमण की शिष्या साध्वी स्वर्ण रेखा अपने सहयोगी स्वास्तिका प्रभा, सुधांशु प्रभा और गौतम यशा जी के साथ अपने चार दिवसीय प्रवास के क्रम में शनिवार को प्रतापगंज पहुंचे. जहां उनका जैन धर्मावलंबी भाई बहनों ने स्वागत किया. प्रवास स्थल पारख जैन भवन पहुंचने पर ठाणा प्रमुख साध्वी स्वर्ण रेखा जी ने उपस्थित जैन धर्मावलंबियों को संबोधित करते कहा कि पाप, ताप और संताप तीनों को दूर करने वाले इस धरती पर विचरण करने वाले त्यागी तपस्वी और ब्रह्मचारी साधु संत होते हैं. कहा कि हम गुरु के प्रताप को जानते हैं. गुरु का प्रताप सूर्य का ताप है. उन्होंने कहा कि हमारी यात्रा सरिता की तरह है. इस क्रम में हम अपने तीर्थंकर की वाणी को और गुरु आज्ञा को आप तक पहुंचाने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि संतों के आगमन से हमारे भीतर धर्म की भावना जगती है. इस मौके पर नेपाल-बिहार जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा के महामंत्री वीरेंद्र संचेती, छातापुर के भाई बहन सहित प्रतापगंज सभा अध्यक्ष शंकर नौलखा, मंत्री कालीचरण गोठी, मानमल पारख, महेंद्र वैद, जितेन्द्र सेठिया, राज कुमार सेठिया, मनोज छाजेड़, विजय नौलखा, पवन श्रीमाल, छत्रसिंह नौलखा, राजकुमार गंग, सावन गंग, मीत नौलखा, अक्षय सेठिया, महिला संघ अध्यक्ष राखी सेठिया, झंकार देवी घोडावत, प्रभा वैद, सरोज छाजेड़, अंजू छाजेड़, प्रभा नौलखा, पदमा नौलखा, कीर्ति गोठी आदि मौजूद थी.
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