– जिले के 06 प्रखंडों में 18 फरवरी से चलाया जायेगा स्प्रे अभियान – जिले के सभी अस्पतालों में कालाजार का उपचार व जांच उपलब्ध सुपौल. सदर अस्पताल स्थित सिविल सर्जन कार्यालय सभागार में गुरुवार को कालाजार नियंत्रण को लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ ललन कुमार ठाकुर ने किया. कार्यक्रम में मौजूद कर्मियों को कालाजार से संबंधित जानकारी दी गई. सिविल सर्जन ने बताया कि कालाजार बालू मक्खी के काटने से होता है. इस बीमारी के सामान्य लक्षण दो सप्ताह या अधिक समय से बुखार लगना जो सामान्य उपचार से ठीक नहीं हो, भूख की कमी, खून की कमी, चमड़े का रंग काला पड़ना आदि है. बताया कि सदर अस्पताल सहित सभी स्वास्थ्य केंद्रों व अस्पतालों में कालाजार का जांच व मुफ्त इलाज उपलब्ध है. कालाजार रोग से बचाव को लेकर दवा का छिड़काव चुने गांव में किया जाना है. बताया कि अभी जिले में एक भी कालाजार के मरीज नहीं है. बताया कि यह प्रशिक्षण आइआरएस चक्र के तहत दिया जा रहा है. लोगों से आग्रह किया कि छह फीट की ऊंचाई तक सभी कमरे, रसोई घर, गौशाला, गोदाम में छिड़काव अवश्य करावें. डॉ दीप नारायण ने बताया कि कालाजार रोग नियंत्रण को लेकर कर्मियों को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया है. बताया कि 18 फरवरी से 31 मार्च तक 06 प्रखंड में आईआरएस स्प्रे अभियान चलाया जाएगा. इस अभियान को सफल बनाने के लिए 08 को लेकर आठ टीम बनाया गया है. कहा कि सुपौल, त्रिवेणीगंज, राघोपुर, बसंतपुर, किशनपुर एवं निर्मली प्रखंड में आईआरएस स्प्रे अभियान चलाया जाएगा. इस मौके पर वीडीसीओ विपीन कुमार, अनिशा भारती, राजेश कुमार, पल्लवी सुमन, पिंकी तिवारी सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे.
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