सूदखोरी व जुआ हराम – मुफ्ती अहमदुल्लाह कासमी
आपसी भाईचारा व मुल्क की तरक्की और अमन चैन की दुआ के साथ संपन्न हुआ कान्फ्रेंस
आपसी भाईचारा व मुल्क की तरक्की और अमन चैन की दुआ के साथ संपन्न हुआ कान्फ्रेंस छातापुर. प्रखंड के रजवाड़ा और सिद्दीकी चौक के बीच बड़ी कब्रिस्तान के समीप मैदान में गुरुवार को एक दिवसीय तहफ्फुज नामुस रेसालत मआब व औकाफ कांफ्रेंस का आयोजन किया गया. ओलमा अइम्मा फाउंडेशन के बैनर तले आयोजित कांफ्रेंस की अध्यक्षता मुख्यालय पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मकसूद मसन और संचालन मौलाना जियाउल्लाह जिया रहमानी एवं मुफ़्ती सज्जाद कासमी ने की. मौलाना मुजाहिदुल इस्लाम कासमी के सदारत में आयोजित कांफ्रेंस में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. अपराह्नकाल आपसी भाईचारा और मुल्क के तरक्की और अमन चैन की दुआ के साथ कान्फ्रेंस का समापन किया गया. आयोजन में सुरक्षा व्यवस्था के लिए बीडीओ डॉ राकेश गुप्ता एवं पुलिस निरीक्षक सुनील कुमार पासवान वरीय प्रभार में पर्याप्त बल के साथ तैनात थे. वहीं एसडीपीओ विपिन कुमार थानाध्यक्ष शिव शंकर कुमार के साथ स्थल पर पहुंच कर विधि व्यवस्था का जायजा लिया. कान्फ्रेंस में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे यूपी के मऊ से मुफ्ती अहमदुल्लाह कासमी ने अपने तकरीर में कहा कि जो लोग अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से जो मोहब्बत करते हैं. वही लोग सच्चाई और अच्छाई के रास्ते पर अपनी जान कुर्बान करते हैं. कहा कि सूदखोरी और जुआ दोनों हराम है और इससे बचना चाहिए. दूसरे का बुराई करने से बचे. अपने मां-बाप का खिदमत और अदब एहतराम करें. पड़ोसियों का ख्याल रखें और उनको किसी तरह का कष्ट नहीं दें. ईमानदार और वादा पूरा करने वाला बने. जज्बाती नहीं सब्र करने वाला बने और बदगुमानी से बचे. एक दूसरे से जले नहीं और नफरत नहीं करें. किसी को धोखा नहीं दें और आपस में भाई-भाई बन के रहें. मुफ़्ती मोहम्मद अंसार कासमी ने कहा कि नफरत को मोहब्बत से खत्म करें. आखरी नबी के बताए मार्गों पर चले. समाज में अगर कोई बीमारी और परेशान हैं तो उसका मदद करें. किसी का निधन हो जाए तो उनके घर जाकर संवेदना व्यक्त करें अपने बच्चों के साथ पड़ोस के बच्चों को भी तालिम के लिए करें प्रेरित मुफ्ती मुजाहिदुल इस्लाम कासमी ने कहा कि नबी के शान में गुस्ताखी करना यह विषय बहुत संवेदनशील है. यह अपमान केवल देश ही नहीं बल्कि पूरे दुनिया के मुसलमानों को तकलीफ पहुंचना है. उन्होंने लोगों से अपील किया कि पैगंबर से मोहब्बत करिये. नबी के सीरत को पढ़िए और उनके अमली जिंदगी को जानिये. उनके बताए मार्ग को अपने जिंदगी में उतारिये. कहा कि आलिम-ए-दीन का इज्जत करें. कहा कि अपने बच्चों के साथ साथ पड़ोस के बच्चों को भी शिक्षा के लिए प्रेरित करें. मौलाना नियमातुल्लाह कासमी ने कहा कि इस्लाम में जिंदगी गुजारने का मुकम्मल तरीका बताया गया है. नबी के शान में अगर कोई गुस्ताखी करेगा तो यह बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. कहा कि सभी वेदों में और हर धार्मिक गर्न्थो में मोहम्मद साहब को अच्छा मार्गदर्शक बताया गया है. अन्य वक्ताओं ने कहा कि हमलोग खुशनसीब हैं जो आखरी नबी के उम्मत हैं. किसी को भी ये हक नहीं है कि दूसरे धर्म के धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचाए. बल्कि सभी धर्मों के धार्मिक स्थलों का हिफाजत करना चाहिए. सभी धर्मों के लोगो का एहतराम करने वाला बनिये. किसी से नफ़र और बैर नहीं करना चाहिए. अकील अहमद खान ने कहा कि हमलोग गंगा जमुनी तहजीब को बरकरार रखें. एक-दूसरे से मोहब्बत करना इंसान का पहला फर्ज मुखिया प्रतिनिधि मकसूद मसन ने कहा कि सामाजिक सौहार्द के किसी भी प्रयास में वे हमेशा आगे रहेंगे. समाज में एक-दूसरे से मोहब्बत करना इंसान का पहला फर्ज है. डॉ बिपिन कुमार सिंह ने कहा कि इस्लाम शांति पैगाम देता है. भाईचारा को बढ़ावा देना बहुत जरूरी है. कारी नूरुल्लाह नौमानी, मुफ्ती मजहर हुसैन, मुफ्ती समीद अज़हर रहमानी, मौलाना मो अंसारुल हक कासमी, मुखिया प्रतिनिधि मो हाशिम, कारी मो नोमान, मौलाना मो सिराज कासमी, मौलाना मो इस्माइल ने भी कान्फ्रेंस को संबोधित किया. आयोजन को सफल बनाने में मौलाना मो अजरेल, मुफ्ती जफीरुद्दीन कासमी, मौलाना मो एहसान, मौलाना मो सिराज, मौलाना सदरे आलम, मौलाना मुबारक मजाहिरी, हाफिज मीनतुल्लाह, हाफिज मो अंसार, हाफिज सैफ अली और कारी इनायतुल्लाह आदि ने अहम भूमिका निभाई.
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