सुपौल में आयोजित सीनेट की पहली बैठक में कुलपति को झेलना पड़ा छात्रों का आक्रोश, दो घंटे तक जाम रहा गेट

सुपौल के भारत सेवक समाज महाविद्यालय में शनिवार को आयोजित सीनेट की बैठक से पहले कुलपति को भारी विरोध का सामना करना पड़ा. ABVP के छात्रों ने करीब दो घंटे तक कुलपति को मुख्य द्वार से अंदर प्रवेश नहीं करने दिया

By Anand Shekhar | August 24, 2024 6:40 PM

Bihar News: सुपौल स्थित भारत सेवक समाज महाविद्यालय परिसर में शनिवार को पहली अभिषद (सीनेट) की बैठक आयोजित की गई. बैठक में भूपेंद्र नारायण विश्विविद्यालय के कुलपति बिमलेंदु शेखर झा भाग लेने पहुंचे. जहां पूर्व से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सैकड़ों छात्र बीएसएस कॉलेज के मुख्य द्वार पर ताला लगा कर बैठे थे. अपने निर्धारित समय से कुलपति 10 बजे कॉलेज के मुख्य द्वार पर पहुंचे. जहां विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते कुलपति को जाने से रोक दिया.

लगभग दो घंटे तक छात्रों ने किया आंदोलन

लगभग दो घंटे तक छात्र नेता आंदोलन करते रहे. लेकिन कुलपति अपने वाहन से बाहर नहीं निकले. छात्र कुलपति के आश्वासन दिये जाने की मांग पर अड़े थे. प्रदर्शन की सूचना पर एसडीएम इंद्रवीर कुमार, एसडीपीओ आलोक कुमार, बीडीओ ज्योति गामी, पंचायती राज पदाधिकारी कालीचरण, सदर थानाध्यक्ष प्रशांत कुमार दलबल के साथ स्थल पर पहुंचे. इसके बाद एसडीएम व एसडीपीओ छात्र नेताओं से मुख्य द्वार खोलने को कहा. लेकिन छात्र अपनी मांग पर अड़े रहे.

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कुलपति के आश्वासन के बाद शांत हुए छात्र

छात्रों के आक्रोश को देखते हुए कुलपति ने पहले तो वाहन से उतरकर अंदर जाने का प्रयास किया, लेकिन छात्रों के आक्रोश के आगे उनका प्रयास विफल रहा. इसके बाद कुलपति ने पूर्वी तरफ स्थित गेट के पास पहुंचकर कॉलेज परिसर में प्रवेश करने का प्रयास किया. लेकिन छात्रों ने उस गेट को भी बंद कर दिया. इसके बाद कुलपति वाहन पर बैठकर तमाशा देखते रहे. काफी जद्दोजहद के बाद आखिरकार करीब दो घंटे बाद कुलपति वाहन से उतरे और छात्रों की समस्या को समझते हुए अनियमितता की जांच कर उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. इसके बाद छात्रों का आक्रोश शांत हुआ और छात्रों ने मुख्य गेट का ताला खोलकर कुलपति को अंदर जाने दिया.

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छात्र हित व उनके कल्याण की दिशा में असंवेदनशील हैं कुलपति : प्रदेश मंत्री

छात्रों के आंदोलन की कमान संभालने स्वयं अभाविप के प्रदेश मंत्री अभिषेक यादव मौके पर पहुंचे थे. जिनके कारण छात्रों में काफी जोश दिख रहा था. छात्र इतने जोश में थे की उन्हें भीषण गर्मी का भी कोई फर्क नहीं पड़ रहा था. मीडिया से बातचीत में श्री यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय सहित कॉलेजो में सरकार द्वारा छात्र हित में जो सुविधा बहाल की गई है. उसका लाभ संबंधित कोटि के छात्रों को नहीं मिल रहा है. कुलपति छात्र हित व उनके कल्याण की दिशा में असंवेदनशील हैं. उनकी कार्यशैली पर अन्य छात्र संगठन भी सवाल उठाते रहे हैं. कुलपति द्वारा 40 विश्वविद्यालय कर्मचारियों को हटाए जाने का निर्णय बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है. यह सभी कर्मचारी संविदा के रूप में विगत 20 वर्षों से भी अधिक समय से विश्वविद्यालय में सेवाएं दे रहे थे. लेकिन निरंकुश कुलपति सरकार को फर्जी प्रतिवेदन समर्पित कर अपने चहेते की नियुक्ति करना चाह रहे हैं. जो न्याय संगत नहीं है.

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कुलपति पर लगाया फोन न उठाने का आरोप

विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्य सह अभाविप प्रदेश कार्यसमिति सदस्य भवेश झा ने कहा कि वर्तमान कुलपति तानाशाही मानसिकता के साथ काम कर रहे हैं. किसी भी निर्णय में वह सिंडिकेट अथवा समितियां का कोई भी सुझाव नहीं लेते हैं. कुलपति को जब भी किसी भी मामले को लेकर फोन किया जाता है, तो वह फोन भी उठाना मुनासिब नहीं समझते हैं. मौके पर छात्र नेता सुजीत सान्याल, शिवजी कुमार, राजू सनातन, समीक्षा यदुवंशी, सौरभ यादव, आमोद आनंद, जॉन्सन दास, नवनीत सम्राट, अंकित कुमार, रंजीत झा, कुशवाहा, आदित्य कौशिक, नीरज कुमार, मनीष चौपाल, कृष्णकांत गुप्ता, अंशु कुमार, वरुण गुप्ता, कृष्णा रजक, रितेश मिश्रा, गणेश यादव, राजदेव आनंद गुप्ता आदि मौजूद थे.

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