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घटिया निर्माण कार्य का ग्रामीणों ने किया विरोध, अधिकारियों ने गुणवत्ता में सुधार लाने की दी चेतावनी

योजना क्रियान्वयन के नाम पर ठेकेदार व विभागीय सांठ-गांठ से घटिया निर्माण कार्य को अंजाम दिया जा रहा है

छातापुर.

एक तरफ बिहार सरकार किसानों के खेतों तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के लिए योजना बनाकर उस पर करोड़ों की राशि खर्च कर रही है. वहीं दूसरी ओर योजना क्रियान्वयन के नाम पर ठेकेदार व विभागीय सांठ-गांठ से घटिया निर्माण कार्य को अंजाम दिया जा रहा है. अभियंताओं की गैर मौजूदगी में सुरक्षात्मक दीवार निर्माण में निम्न स्तर के निर्माण सामग्री का धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है. वहीं नहर पुनर्स्थापन कार्य में भी विभिन्न स्तर पर प्राक्कलन की अनदेखी की जा रही है. जानकारी के बाद आस-पास के गांव के लोग बीते 15 दिनों से कार्य स्थल पर पहुंचकर घटिया निर्माण का विरोध कर रहे हैं. निम्न स्तर के निर्माण सामग्री का प्रयोग करने पर ग्रामीणों ने कार्य को कई बार बंद कराते इसकी सूचना विभागीय अभियंताओं को दी. इस बीच जेई आशीष कुमार व सहायक अभियंता उज्ज्वल सिंह ने स्थल पर पहुंच निर्माण सामग्री बदलने व गुणवत्ता में सुधार का भरोसा दिलाते कार्य को शुरू करवा दिया. लेकिन न तो निर्माण सामग्री बदली गयी और न ही गुणवत्ता में कोई सुधार किया गया. हैरानी की बात यह है कि योजना बोर्ड कार्य स्थल पर लगे रहने के बजाय नन्ही टोला निवासी एक मुंशी चंदन कुमार के घर रखा है. जबकि एसडीओ व जेई 40 आरडी पर बोर्ड लगे रहने का झूठा दावा करते रहे. एसडीओ श्री सिंह ने यहां तक कह किया कि बोर्ड चदरे का रहने के कारण हो सकता है कि स्थल से चोरी हो गया हो. कार्य एजेंसी के अभियंताओं को कड़ी फटकार लगाते कार्य में सुधार लाने की दी चेतावनी, वहीं सजगता के लिए ग्रामीणों की प्रशंसा भी की. समाजसेवा एलके निराला व कृष्णा राज, ग्रामीण सुभाष यादव, राहुल कुमार, उमेश साह, मुकेश कुमार, सुनील कुमार, अजय कुमार, पवन कुमार आदि ने बताया कि सिंचाई प्रमंडल मुरलीगंज के अभियंताओं की अनसुनी के बाद विभाग के एसी एवं मुख्य अभियंता से इसकी शिकायत की गयी.

एसी ने लगायी फटकार

रविवार की शाम एसी एवं मुख्य अभियंता कार्य स्थल पर पहुंचे निर्माण कार्य की जांच की. जांच के दौरान कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता एवं कनीय अभियंता भी मौजूद रहे. जानकारी के बाद स्थानीय ग्रामीण भी मौके पर पहुंच गये और वरीय अधिकारियों को वस्तु स्थिति से अवगत कराया गया. वहीं नहर के 40 आरडी पर योजना बोर्ड लगे रहने को लेकर अभियंताओं के झूठ को भी बताया. तत्पश्चात एसी एवं मुख्य अभियंता ने मुरलीगंज के अभियंताओं को कड़ी फटकार लगायी. अधिकारी द्वय ने निर्माण स्थल से घटिया सामग्री को अविलंब हटाने और कार्य की गुणवत्ता में सुधार लाने की चेतावनी दी. वहीं इस प्रकार से सजगता के लिए ग्रामीणों की प्रशंसा भी की गयी. इस दौरान अधिकारी द्वय ने ग्रामीणों को अपना मोबाइल नंबर देते निर्माण में दोबारा गड़बड़ी होने पर उन्हें सूचित करने को कहा. इधर कई ग्रामीणों ने मंगलवार को बताया कि 76 आरडी के समीप छह सौ फीट सुरक्षात्मक दीवार का निर्माण होना है, जिसमें करीब तीन सौ फीट दीवार का निर्माण घटिया ईंट, बालू व सिमेंट से हो चुका है. वहीं एसी व मुख्य अभियंता के निर्देश के बाद भी स्थल से घटिया निर्माण सामग्री नहीं हटाकर संवेदक उसे चोरी छीपे खपाने में लगे हुए हैं.

साढ़े तीन करोड़ की लागत से नहर पुनर्स्थापन व सुरक्षा दीवार का हो रहा है निर्माण कार्य

रामपुर के नन्ही टोला निवासी चंदन कुमार के घर में रखे मिले योजना बोर्ड के अनुसार इस कार्य पर जल संसाधन विभाग करीब साढ़े तीन करोड़ की राशि खर्च कर रही है. हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने की योजना के तहत मुरलीगंज वितरणी नहर के आरडी 40.50 से आरडी 107. 60 तक पुनर्स्थापन कार्य होना है. जबकि बिंदु 78 पर सुरक्षा दीवार निर्माण कार्य कराया जाना है. कार्य एजेंसी कार्यपालक अभियंता सिंचाई प्रमंडल मुरलीगंज व संवेदक के रूप में संजीव कुमार सिंह का नाम अंकित है.

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