70 प्रतिशत से अधिक वायरल फीवर से ग्रसित मरीज पहुंच रहे हैं अस्पताल
मौसम के लगातार उतार चढ़ाव से आम जन-जीवन प्रभावित
मौसम के लगातार उतार चढ़ाव से आम जन-जीवन प्रभावित सुपौल. मौसम के लगातार उतार चढ़ाव से आम जन-जीवन प्रभावित हो रहा है. दिन में धूप एवं रात के समय में हल्की ठंड का सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है. मौसम में लगातार बदलाव से बच्चे एवं बुजुर्ग को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इधर सदर अस्पताल सहित शहर के प्राइवेट हॉस्पीटल, क्लिनिक में बुखार, सर्दी-खांसी, गले में दर्द के साथ स्क्रीनिंग मरीजों की लंबी कतार लगी रहती है. मंगलवार को सदर अस्पताल में शिशु रोग ओपीडी में 114 से अधिक बच्चे को देखा गया. वहीं जेनरल ओपीडी में 318 मरीजों को देखा गया. स्त्री रोग ओपीडी में 86 मरीज एवं नेत्र विभाग में 71 मरीजों का इलाज किया गया. सोमवार को भी 735 मरीज इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचे थे. वहीं इमरजेंसी में भी 100 से अधिक मरीज पहुंचे. जेनरल ओपीडी में मौजूद डॉ ठाकुर प्रसाद ने बताया कि मौसम में उतार-चढ़ाव के साथ ही वायरल फीवर का प्रकोप बढ़ जाता है. इस समय मौसम अचानक सर्द-गर्म हो रहा है. लिहाजा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. जिसके कारण वायरस जल्दी अटैक कर लेता है. पिछले एक सप्ताह से मौसम में बदलाव हो रहा है. दिन के समय में कभी मौसम शुष्क तो कभी उमस भरी गर्मी जैसा मौसम हो जाता है. वहीं रात के समय में हल्की ठंड रहता है. जबकि सुबह के समय कोहरा छा जाता है. जिसके कारण तापमान में तीन से पांच डिग्री तक का बदलाव होता है. जिसका सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने लगा है. तापमान में उतार चढ़ाव से बीमार हो रहे लोग बदलते मौसम के कारण सबसे अधिक वायरल फीवर के मरीज अस्पताल पहुंच रहें हैं. डॉक्टर बताते हैं कि यह संक्रमण जैसे सर्दी, खांसी, जुकाम और बुखार होने पर तीन-चार दिन में ठीक हो जाता था. लेकिन, पिछले एक हफ्ते में यह देखने में आ रहा है कि मरीजों को वायरल से ठीक होने में ज्यादा वक्त लग रहा है. वायरल फीवर के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों में 70 प्रतिशत मरीज में वायरल फीवर से ग्रसित थे. तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण बुखार, सर्दी-जुकाम और सांस लेने में परेशानी व खांसी के मरीज बढ़ गये हैं. जिन लोगों की इम्युनिटी कम होती है, उन्हें सर्दी होने पर वह खांसी की चपेट में आ रहे हैं. गर्म और सर्द के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से यह समस्या लोगों को झेलनी पड़ रही है. सबसे ज्यादा बुजुर्ग एवं बच्चे वायरल फीवर की चपेट में तेजी से आ रहे हैं.
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