सरकारी दर पर गेहूं खरीद नगण्य, समय सीमा समाप्त होने में मात्र चार दिन शेष
3770 क्विंटल लक्ष्य के विरुद्ध मात्र 130 क्विंटल गेहूं की हुई खरीद
12 पैक्स में गेहूं खरीद नगण्य
बीसीओ कमलेश कुमार राय ने बताया कि सरकारी समर्थन मूल्य से बाजार मूल्य अधिक रहने के कारण प्रखंड के सभी पैक्स व व्यापार मंडल में अब तक कुल 130 क्विंटल गेहूं की खरीद हो पाई है. प्रत्येक पैक्स व व्यापार मंडल को 290 क्विंटल गेहूं खरीदने का लक्ष्य दिया गया है. लेकिन अभी तक मात्र सुखासन पैक्स के द्वारा तीन किसानों से मात्र 130 क्विंटल गेहूं खरीद किया गया. जबकि प्रखंड में 13 पैक्स अध्यक्ष को गेहूं खरीदने को लेकर चयनित किया गया था. इसमें मात्र एक पैक्स अध्यक्ष के द्वारा गेहूं खरीद की गई. जबकि 12 पैक्स में खरीद अभी तक नगण्य है. कम रेट व जटिल प्रक्रिया ने बढ़ाई पैक्स अध्यक्ष की परेशानी सरकार ने इस बार गेहूं खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है. साथ ही किसानों को पैक्सों व व्यापार मंडल में गेहूं बेचने के लिए उन्हें ऑनलाइन के साथ ही अन्य प्रक्रिया से भी गुजरना पड़ता है. इतना ही नहीं गेहूं को सरकारी गोदाम तक पहुंचाने में कम से कम 100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से अतिरिक्त खर्च हो रहा है. दूसरी ओर स्थानीय व्यापारी किसानों से उनके घर पर जाकर ही गेहूं खरीद रहे हैं. साथ ही 2400-2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया जा रहा है. ऐसे में किसान स्थानीय व्यापारियों को अपना उत्पाद बेचना मुनासिब समझ रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है