विश्व रक्तदान दिवस : रक्तदान शिविर व सम्मान समारोह का किया गया आयोजन

रक्तवीरों ने किया 20 यूनिट रक्तदान

By Prabhat Khabar News Desk | June 14, 2024 6:24 PM

– रक्तवीरों ने किया 20 यूनिट रक्तदान- रक्तवीरों को दिया गया प्रशस्ति पत्र व उपहार सुपौल . विश्व रक्तदाता दिवस एवं रक्त केंद्र सुपौल के स्थापना दिवस के अवसर पर सदर अस्पताल में शुक्रवार को रक्तदान शिविर एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया. जिसका उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ ललन कुमार ठाकुर, नगर परिषद के मुख्य पार्षद राघवेंद्र झा राघव, सदर अस्पताल की उपाध्यक्ष डॉ नूतन वर्मा, डॉ अरूण कुमार वर्मा, डीपीएम मो मिन्नतुल्लाह, डीपीसी बाल कृष्ण चौधरी, जिला मूल्यांकन पदाधिकारी, डॉ शशि भूषण, रेडक्रॉस सोसायटी के चेयरमैन डॉ कन्हैया प्रसाद सिंह, राम कुमार चौधरी, अस्पताल प्रबंधक अभिनव आनंद, डॉ सुभाष कुमार मिश्र, डॉ महेंद्र नारायण यादव आदि के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित एवं केक काट कर किया गया. इसी दौरान रक्तवीरों को रक्त केंद्र सुपौल द्वारा प्रशस्ति पत्र एवं उपहार देकर सम्मानित किया गया. इस दौरान एएनएम कॉलेज सुखपुर की छात्राओं द्वारा जागरूकता को लेकर एक नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया. रक्त केंद्र सुपौल में रोटरी क्लब, एसएसबी वीरपुर एवं अन्य रक्तवीरों द्वारा 20 यूनिट रक्तदान किया गया. इस अवसर पर बैंक ऑफ बड़ोदा के शाखा प्रबंधक अमित कुमार, रक्त केंद्र की परामर्शी किरण मिश्रा, लैब प्रभारी ठाकुर चंदन सिंह, स्तुति प्रिया, प्रियंका कुमारी, ज्योति, जांगीर, दीपशिखा कुमारी, बबीता कुमारी सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे. रक्तदान मानव जाति के लिए है सबसे महत्वपूर्ण सामाजिक सेवा : सीएस कार्यक्रम को संबोधित करते सिविल सर्जन डॉ ठाकुर ने कहा कि विश्व रक्तदाता दिवस 14 जून को हर साल विश्व स्वास्थ्य संगठन के सभी देशों द्वारा मनाया जाता है. कहा कि कार्ल लेंड स्टीनर की जयंती के रूप में भी रक्तदान दिवस मनाया जाता है. जिन्होंने ए, बी, ओ रक्त प्रणाली की खोज की थी. जिन्हें नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है. रक्तदान मानव जाति के लिए सबसे महत्वपूर्ण सामाजिक सेवा है. कहा कि एक इंसान होने के नाते हमें दूसरे की जान बचाने के लिये रक्तदान करना चाहिए. एक सामान्य और स्वस्थ्य व्यक्ति 18 से 60 वर्ष की आयु के बीच आसानी से रक्तदान कर सकते हैं. रक्तवीरों को सम्मानित करने का है यह दिन : मुख्य पार्षद नप के मुख्य पार्षद राघवेंद्र झा राघव ने कहा कि विश्व रक्तदाता दिवस जो हर साल 14 जून को मनाया जाता है, यह रक्तवीरों को सम्मानित करने एवं धन्यवाद देने के लिए विश्वव्यापी उत्सव है. इस कार्यक्रम की शुरूआत सुरक्षित रक्त उत्पादों की आवश्यकता के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य के साथ की गयी थी. उन्होंने सभी संगठनों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं को बढ़-चढ़ कर रक्तदान करने की अपील की. जिससे जरूरतमंदों को आसानी से रक्त केंद्र द्वारा रक्त मुहैया कराया जा सके. शरीर में ब्लड का महत्व : डॉ कन्हैया डॉ कन्हैया सिंह ने कहा कि ब्लड के बिना शरीर हड्डी का ढांचा है. ब्लड की सहायता से ही ऑक्सीजन शरीर के हर अंग तक पहुंता है और वे ठीक से अपना काम कर पाते हैं. शरीर को सही तरीके से चलने के लिए खून की जरूरत पड़ती है. कभी किसी बीमारी या एक्सीडेंट की वजह से शरीर में ब्लड की कमी हो जाती है, अगर निर्धारित समय के अंदर ब्लड की पूर्ति नहीं की जाय तो इंसान की जान भी जा सकती है. इस समस्या की पूर्ति हेतु जीवन की रक्षा रक्तदान से की जा सकती है. स्वस्थ्य व्यक्ति कर सकते हैं रक्तदान : डॉ रामचंद्र सर्जन डॉ रामचंद्र कुमार ने बताया कि एक स्वस्थ्य मनुष्य के शरीर में 05 से 06 लीटर ब्लड होता है. इसमें से ज्यादातर रेड ब्लड सेल हर 120 दिन में मर जाता है. रक्तदान की जहां तक बात है तो सभी लोग, जो स्वस्थ्य है, वे रक्तदान कर सकते हैं. रक्तदान करने के लिए कुछ बुनियादी जरूरतों को पूरा करना आवश्यक है. जैसे रक्तदाता का वजन 45 से कम न हो, हीमोग्लोबीन लेवल 12.5 ग्राम हो, ऐसे लोग हर तीन महीने में रक्तदान कर सकते हैं एवं महिलाएं साढ़े चार महीने में रक्तदान कर सकती है. जिनकी आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए. सर्दी, फ्लू, गले की खराश, जुकाम, पेट में कीड़ा, डेंगू, मलेरिया, जीका वायरस या कोई अन्य संक्रमण हो तो ऐसे लोग रक्तदान नहीं कर सकते हैं.

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