सूखे नशे की लत में डूबता जा रहा युवा

नशीले पदार्थों का आसानी से उपलब्ध हो जाना. जिससे युवा पीढ़ी आकर्षित होकर नशे की चंगुल में फंस जाती है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 6, 2025 6:22 PM

– वैकल्पिक नशे के रूप में सूखा नशा व कोडिन युक्त कफ सिरप का युवा करने लगे उपयोग – धड़ल्ले से हो रहा इस्तेमाल सुपौल आज भारत का भविष्य कहे जाने वाले युवा नशे की लत में इतना डूबा जा रहा है कि उन्हें अपना होने का कोई मोल ही मालूम नहीं है. यह एक सभ्य समाज के लिए बहुत ही चिंतनीय है. इसका प्रमुख कारण यह है कि नशीले पदार्थों का आसानी से उपलब्ध हो जाना. जिससे युवा पीढ़ी आकर्षित होकर नशे की चंगुल में फंस जाती है. बिहार में शराबबंदी के लागू हुए करीब आठ साल गुजर चुके हैं. इन आठ वर्षों में बिहार में एक ओर जहां शराब पर पाबंदी रही, वहीं राज्य में सूखे नशे का चलन तेजी से बढ़ा है. बिहार में शराब के साथ-साथ तमाम प्रकार के नशे के सेवन और बिक्री की सख्त मनाही है. इसके बावजूद सूखे नशे का कारोबार तेजी से बढ़ा है. इससे सबसे अधिक युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है. शराब के शौकीन को शराब नहीं मिलने पर वे नशे के लिये कई वैकल्पिक चीजों का इस्तेमाल कर रहे हैं. जिनमें दवा के रूप में प्रयोग होने वाली कोडिन युक्त कफ सिरप, गांजा व बाउन शुगर भी शामिल हैं. यह दवा किसी बीमारी से निजात के लिए नहीं बल्कि नशे के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. कफ सिरप का इस्तेमाल नशे के रूप में किये जाने का मामला आम हो चुका है. वहीं युवा वर्ग सिगरेट में भरकर गांजा व बाउन शुगर का इस्तेमान कर रहे हैं. पिछले 06 दिनों में अगर आकड़ों पर नजर डाला जाय तो सिर्फ सुपौल जिले में 672.250 किलो गांजा व 101 ग्राम बाउन शुगर एसएसबी व बिहार पुलिस के द्वारा बरामद किया गया है. सूखा नशा की तस्करी में अधिकांश युवा पड़ोसी देश नेपाल से गांजा व बाउन शुगर की तस्करी में अधिकांश युवा वर्ग शामिल है. अधिक मुनाफा के लोभ में यह युवा वर्ग अपने सहपाठियों का भविष्य बर्बाद करने में लगे हुए है. पिछले दिनों बाउन शुगर तस्करी में पकड़े गये दो तस्कर की उम्र पर अगर नजर डाला जाये तो महज 25-30 वर्ष है. कफ सिरप की लगी लत तो छोड़ना मुश्किल लोगों की मानें तो जिसे इस दवा लत लग गयी है, वो इसके बिना नहीं रह सकता है. यह स्थिति शराबबंदी के बाद बनी है. जब लोगों को आसानी से शराब नहीं मिल पाता है, तब लोग इस तरह के नशे के आदि होने लगे हैं. चिंता का विषय है कि अधिकतर युवा ही इसकी चपेट में आ गये हैं. जानकारों का कहना है कि कोडिन युक्त इन सिरप का सेवन करने से लगभग दो सौ मिलीलीटर शराब के बराबर नशा होता है. खास बात यह भी है कि पीने वाले के मुंह से शराब जैसी दुर्गंध भी नहीं आती. केस स्टडी 01 01 जनवरी को करजाईन थाना क्षेत्र के दहगामा वार्ड नंबर 02 में पुलिस ने 29 ग्राम बाउन शुगर के साथ एक तस्कर गिरफ्तार केस स्टडी 02 02 जनवरी को एसएसबी जवानों ने बॉर्डर पीलर संख्यास 201/04 के समीप पेट्रोलिंग डयूटी के दौरान 72 ग्राम बाउन शुगर के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया. केस स्टडी 03 04 जनवरी को एसएसबी जवानों ने पीलर संख्या 221/01 के समीप 672.250 ग्राम गांजा जब्त किया.

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