बिहार में जाति गणना मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली, जज संजय करोल ने खुद को सुनवाई से किया अलग

Caste Census Bihar: बिहार में जाति आधारित गणना को लेकर होने वाली आज सुप्रीम कोर्ट ने अहम सुनवाई टल गयी है. बिहार सरकार ने हाईकोर्ट में दाखिल याचिका के खारिज हो जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 17, 2023 12:16 PM

Caste Census Bihar: बिहार में जाति आधारित गणना (jati janganana bihar 2023) को लेकर आज बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई टल गयी है. पटना हाईकोर्ट में बिहार सरकार ने जो याचिका दाखिल की थी उसे अदालत ने खारिज कर दिया था और सुनवाई के लिए पूर्व में दी गयी अपनी तारीख में बदलाव से इनकार कर दिया था. जिसके बाद राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी.

जस्टिस संजय करोल सुनवाई से हुए अलग

बिहार सरकार ने हाईकोर्ट में दाखिल याचिका के खारिज हो जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट में ये सुनवाई टल गयी है और जस्टिस संजय करोल ने खुद को इस सुनवाई से अलग कर लिया. वहीं मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अब CJI अलग बेंच का गठन इस मामले की सुनवाई के लिए करेंगे.


पटना हाईकोर्ट ने लगायी है रोक

बता दें कि बिहार सरकार अपने खर्चे पर सूबे में जाति गणना करवा रही है. दूसरे चरण का कार्य प्रगति पर था लेकिन एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश के तहत तत्काल जाति गणना के काम पर रोक लगा दिया था. वहीं अगली सुनवाई की तिथि 3 जुलाई 2023 तय की गयी थी. लेकिन बिहार सरकार इस तारीख में बदलाव की मांग लेकर एक याचिका हाईकोर्ट में दी. सरकार की ओर से मांग थी कि इसकी सुनवाई में विलंब नहीं हो. इसे जल्द ही सुना जाए. लेकिन हाईकोर्ट ने इस मामले की जल्द सुनवाई से इंकार कर दिया था.

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याचिका खारिज होने पर सुप्रीम कोर्ट पहुंची सरकार

पटना हाईकोर्ट से याचिका खारिज हो जाने के बाद नीतीश सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची और विशेष याचिका (SLP) दायर किया गया. बिहार सरकार ने मांग की थी कि जाति गणना का काम जो रोक दिया गया है उसे पूरा करने दिया जाए. सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार की ओर से वकील मनीष सिंह याचिका दायर किए. याचिका में कहा गया था कि प्रदेश में जाति गणना के पहले फेज का काम पूरा करके अब दूसरे चरण में करीब 80 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है. इसलिए इसे पूरा करने दिया जाए.

Published By: Thakur Shaktilochan

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