राजद सुप्रीमो लालू यादव (Lalu Yadav) की जमानत से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अब 15 अक्टूबर को होगी. शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में इसपर सुनवाई की गयी. लालू यादव की ओर से उनके वकील कपिल सिब्बल ने मजबूती से अपना पक्ष रखा और सीबीआई की मांग का विरोध किया. बता दें कि चारा घोटाला मामले में लालू यादव जमानत पर हैं और सीबीआई अब लालू यादव के जमानत को रद्द करने की अर्जी लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची है.
लालू यादव चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे हैं और फिलहाल वो जमानत पर बाहर हैं. लालू यादव की बिगड़ती सेहत को देखकर उन्हें जमानत दी गयी थी. लालू यादव को रांची हाईकोर्ट से जमानत मिली थी. वहीं लालू यादव ने सिंगापुर में किडनी ट्रांसप्लांट करा ली है. उनकी सेहत अब पहले से बेहतर है. राजद सुप्रीमो अब सियासी मैदान में भी सक्रिय होकर उतर चुके हैं. कई कार्यक्रमों में वो हिस्सा ले चुके हैं. लालू यादव की सक्रियता को ही सीबीआई ने मुद्दा बनाया है और जमानत रद्द करने की अर्जी सुप्रीम कोर्ट में दी है.
शनिवार को हुई सुनवाई में लालू यादव के वकील कपिल सिब्बल ने हवाला दिया कि राजद प्रमुख की किडनी का ट्रांसप्लांट किया गया है. उन्होंने कहा कि सीबीआई लालू यादव को दुबारा जेल भेजना चाहती है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सीबीआई के वकील ने इसका विरोध किया और हाल में लालू यादव के बैडमिंटन खेलने का जिक्र किया. इस मामले में सुनवाई अब 17 अक्टूबर को होगी.
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बता दें कि लालू यादव को चारा घोटाला मामले में रांची हाईकोर्ट से जमानत मिली थी. चारा घोटाले के पांच मामले में लालू यादव को जमानत दी गयी है. देवघर, दुमका, डोरंडा, चाइबासा कोषागार मामले में जमानत दी गयी थी. वहीं अब लालू यादव को दिए गए इस जमानत को भी सीबीआई गलत साबित करने में लग गयी है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे.बी.पारदीवाला व न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने पिछले साल लालू यादव को मिले जमानत के फैसले के खिलाफ सीबीआई की अपील पर 25 अगस्त को सुनवाई तय की थी. सीबीआई ने एकतरफ जहां लालू यादव की सक्रियता और सेहत बेहतर होने का हवाला देकर जमानत रद्द करने की अपील की थी वहीं दूसरी ओर लालू यादव ने अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा था कि हाईकोर्ट ने सामान्य सिद्धांतों और नियमों का पालन करते हुए जमानत दी थी. ऐसे में किसी तरह का दखल उचित नहीं है. लालू यादव ने अपने सेहत का हवाला देकर सीबीआई की अपील को खारिज करने की मांग की थी. लालू यादव ने दलील दी कि उनका स्वास्थय सही नहीं है और उम्र भी काफी ज्यादा हो चुका है. ऐसे में उन्हें जेल में रखने का कोई औचित्य नहीं है.