बिहार में चल रहे जातिगत जनगणना पर पटना हाईकोर्ट द्वारा अंतरिम रोक लगाने के फैसले के खिलाफ बिहार सरकार द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हो सकती है. बिहार सरकार की ओर से वरीय अधिवक्ता श्याम दीवान, राज्य के महाधिवक्ता पीके शाही और सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार के वकील मनीष सिंह ने पीठ के समक्ष गुरुवार को सुनवाई करने का आग्रह किया. कोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया है.
गुरुवार या शुक्रवार को सुनवाई होगी
सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार के वकील मनीष सिंह ने बताया कि गुरुवार या शुक्रवार को सुनवाई होगी. सरकार ने हाइकोर्ट द्वारा तीन जुलाई को जाति गणना मामले की सुनवाई करने संबंधी आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी कर रखी है.
न्यायाधीश संजय करोल ने खुद को सुनवाई से किया अलग
इसके पहले राज्य सरकार की एसपीएपी पर बुधवार को सुनवाई टल गयी. इस मामले की सुनवाई न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायाधीश संजय करोल की पीठ को करनी थी. लेकिन करोल ने खुद इससे अलग करते हुए कहा कि वे पटना हाईकोर्ट में इस मामले से जुड़े रहे हैं. ऐसे में इस मामले की सुनवाई करना सही नहीं होगा. इस पर दूसरी पीठ के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए गुरुवार को सूचीबद्ध करने का आग्रह को पीठ ने स्वीकार कर लिया.
पटना हाईकोर्ट ने जाति गणना पर लगा रखी है अंतरिम रोक
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पटना हाइकोर्ट ने इसी महीने चार मई को अंतरिम फैसला देते हुए जाति गणना पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया था. हाइकोर्ट के फैसले को बिहार सरकार ने पटना हाइकोर्ट में इंटरलोकेटी याचिका दायर की थी, जिसे हाइकोर्ट ने खारिज कर दिया. इसके बाद बिहार सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.