बिहार शिक्षक भर्ती: सुप्रीम कोर्ट ने बीएड अभ्यर्थियों के फैसले पर की बड़ी टिप्पणी, जानिए क्या है नयी जानकारी..
प्राथमिक शिक्षक भर्ती में डीएलएड को ही मान्यता पर दिए फैसले के खिलाफ अभ्यर्थियों की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है. जानिए बीएड और डीएलएड से जुड़ी वो अहम जानकारी जो बड़ी तादाद में परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों के लिए अहम है.
बिहार में शिक्षक भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों के लिए बड़ी खबर है. सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति में बीएड अभ्यर्थियों को भी मान्यता देने और कोर्ट द्वारा विगत 11 अगस्त को राजस्थान के संदर्भ में दिये गये आदेश को बिहार के संदर्भ में शिथिल रखने की याचिका को खारिज कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा..
सुप्रीम कोर्ट ने विगत 28 अगस्त को बिहार के प्राथमिक शिक्षक अभ्यर्थियों की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि चूंकि इस मामले में बिहार सरकार को कोई पार्टी नहीं बनाया गया है, इसलिए उसकी ओर से जारी अधिसूचना पर हम कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं, लेकिन कोर्ट यह उम्मीद करता है कि बिहार सरकार हमारी ओर से विगत 11 अगस्त को जारी आदेश को अपने संज्ञान में लेगी. गौरतलब है कि 11 अगस्त को दिये आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति में डीएलएड को ही मान्यता देने और बीएड अभ्यर्थियों को इससे बाहर रखने का आदेश दिया था.
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क्या है मामला..
विदित हो कि सर्वोच्च न्यायालय में बिहार के कुछ प्राथमिक शिक्षक अभ्यर्थियों द्वारा यह याचिका दायर की गयी थी कि राजस्थान के मामले में कोर्ट द्वारा 11 अगस्त को दिये गये आदेश से बीपीएससी की बीते 24 और 25 अगस्त को ली गयी प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति परीक्षा को बाहर रखा जाये और इसमें डीएलएड के साथ बीएड अभ्यर्थियों का भी रिजल्ट प्रकाशित किया जाये क्योंकि इसकी प्रक्रिया कोर्ट का आदेश आने से पहले शुरू हो चुकी थी.
क्या कहा था कोर्ट ने 11 अगस्त के फैसले में
उच्चतम न्यायालय ने पिछले महीने 11 अगस्त को केंद्र सरकार और एनसीटीइ की याचिका को खारिज करते हुए राजस्थान हाइकोर्ट के फैसले का सही ठहराया था. इस फैसले के अनुसार बीटीसी डिप्लोमा धारक ही लेवल-1 (पहली से पांचवीं कक्षा तक) में पात्र होंगे. लेवल-1 में बीएड अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर पायेंगे. दो सदस्यीय खंडपीठ ने एनसीटीइ के 28 जून 2018 के गजट नोटिफिकेशन को भी खारिज कर दिया था, जिसमें बीएड डिग्री धारकों को लेवल-1 शिक्षक भर्ती के लिए योग्य करार दिया गया था. एनसीटीइ की इस अधिसूचना में कहा गया था कि अगर बीएड डिग्रीधारक लेवल-1 में पास होते हैं, तो उन्हें नियुक्ति के बाद छह महीने का ब्रिज कोर्स करना होगा.
बीपीएससी ने शिक्षा विभाग से मांगी राय
बीपीएससी ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये सुझाव के बाद शिक्षा विभाग की इस पर राय मांगी है. इसके लिए आयोग के सचिव ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को मंगलवार को एक पत्र लिखा, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की प्रति भी संलग्न की गयी है. गौरतलब है कि बीपीएससी ने 11 अगस्त को आये सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर संयुक्त मेधा सूची बनाने के बावजूद प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति का परिणाम दो चरणों में घोषित करने की बात कही थी, जिसके तहत 20 से 25 अगस्त के बीच पहले चरण में डीएलएड डिग्री धारकों का परिणाम आना था. दूसरे चरण के बारे में कहा गया था कि बीएड डिग्री धारकों के मामले में कोर्ट के फैसले के संदर्भ में सरकार द्वारा अंतिम निर्णय लिए जाने के बाद परिणाम जारी किया जायेगा.
3.8 लाख डीएलएड और 3.90 लाख बीएड अभ्यर्थी
प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में शामिल होने के लिए बीएड अभ्यर्थियों की संख्या डीएलएड अभ्यर्थियों से अधिक थी. इसके लिए 3.8 लाख डीएलएड अभ्यर्थियों और 3.90 लाख बीएड अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरा था जिनमें लगभग 70 फीसदी अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए. सूत्रों की मानें तो डीएलएड अभ्यर्थियों में बड़ी संख्या में प्रदेश के बाहर के अभ्यर्थी भी शामिल हैं.
09-11 सितंबर तक अपलोड कर सकते हैं डीएलएड की डिग्री
ऐसे बीएड डिग्रीधारी प्राथमिक शिक्षक अभ्यर्थी (वर्ग एक से पांच) जो डीएलएड की डिग्री भी धारण करते हैं, लेकिन आवेदन के समय जिन्होंने अपनी बीएड की डिग्री ही अपलोड की है, अपने डीएलएड की डिग्री भी अपलोड कर सकते हैं. इसके लिए बीपीएससी ने नौ से 11 सितंबर तक का समय तय किया है. इस दौरान अभ्यर्थी डैशबोर्ड से लॉगइन कर डीएलएड की डिग्री वेबसाइट पर अपलोड कर सकते हैं.