‘बिहार में हर क्षेत्र में जातिवाद..आप इतनी जल्दबाजी में जनगणना क्यों कर रहे?’ सुप्रीम कोर्ट में बोले जज

बिहार में जाति गणना पर रोक लगाने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बिहार को लेकर सख्त टिप्पणी की है. याचिकाकर्ता को हाइकोर्ट जाने का निर्देश दिया गया और तीन दिन के अंदर सुनवाइ करने का आदेश दिया है.जानिए जज क्या बोले..

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 29, 2023 11:51 AM

Caste Census Bihar: बिहार में चल रही जाति गणना पर रोक लगाने की मांग वाली यूथ फॉर इक्वेलिटी की याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. न्यायाधीश एमआर शाह और न्यायाधीश जेबी पारदीवाला की खंडपीठ के समक्ष याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि जाति गणना मई तक पूरी हो जायेगी, ऐसे में अगर याचिका पर तत्काल सुनवाई नहीं की गयी तो इसका कोई मतलब नहीं रह जायेगा. जनगणना का काम केंद्र सरकार का है और जनगणना कानून में जातिगत आधार पर गणना का कोई प्रावधान नहीं है.

हाईकोर्ट तीन दिन के अंदर करे सुनवाई..

दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद पीठ ने कहा कि फिलहाल हम मौजूदा याचिका पर विचार नहीं कर रहे हैं, लेकिन याचिकाकर्ता इस मामले की तत्काल सुनवाई की मांग हाईकोर्ट से कर सकते हैं और हाईकोर्ट तीन दिन के अंदर याचिका पर अंतरिम आदेश जारी करेगा. खंडपीठ ने पटना हाईकोर्ट को 3 कामकाजी दिन के अंदर सुनवाई का आदेश दिया. साथ ही खंडपीठ ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने की अनुमति भी दी.

बोले जज..

न्यायाधीश एमआर शाह ने कहा कि बिहार में हर क्षेत्र में जातिवाद हावी है. चाहे नौकरशाही हो, राजनीति हो, सेवा हो या अन्य क्षेत्र. नौकरशाही, राजनीति, सेवा…हर क्षेत्र में काफी जातिवाद है. आखिर सरकार त्वरित गति से जनगणना क्यों करा रही है? इसकी क्या जरूरत है.

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राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने कहा..

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि आने वाले चुनाव को देखते हुए सर्वेक्षण तेजी से किया जा रहा है. वहीं बिहार सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही ने पक्ष रखा और कहा कि राज्य सरकार की नीति के अनुसार गणना करायी जा रही है. यह कवायद राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों के अनुसार की जा रही है.

Published By: Thakur Shaktilochan

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