Bihar: सरकार ने हाईकोर्ट के जजों का बंद कर दिया GPF अकाउंट, चीफ जस्टिस भी रह गए हैरान, जानें पूरा मामला
Bihar: सुप्रीम कोर्ट में एक ऐसा मामला सामने आया जिसके बारे में सुनकर खुद चीफ जस्टिस भी हैरान हो गए. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में पटना हाईकोर्ट के जजों ने एक याचिका दायर की. इस याचिका में फरियाद की गयी है कि न्यायधीशों का सामान्य भविष्य निधि (GPF) खाता बंद कर दिया गया है.
Bihar: सुप्रीम कोर्ट में एक ऐसा मामला सामने आया जिसके बारे में सुनकर खुद चीफ जस्टिस भी हैरान हो गए. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में पटना हाईकोर्ट के जजों ने एक याचिका दायर की. इस याचिका में फरियाद की गयी है कि न्यायधीशों का सामान्य भविष्य निधि (GPF) खाता बंद कर दिया गया है. इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस कृष्ण मुरारी और पी एस नरसिम्हा की पीठ के सामने आयी है. वकील ने मामले को कोर्ट में रखते हुए कहा कि सात जजों के खाते बंद करने के मामले में जल्द से जल्द सुनवाई की मांग की.
सीजेआई ने पूछा, ‘क्या, जजों का जीपीएफ खाता बंद हो गया?’
सुप्रीम कोर्ट में जब मामला सीजेआई के सामने रखा गया तो वो भी आश्चर्य में पड़ गए. उन्होंने कहा, क्या? जजों का जीपीएफ खाता बंद हो गया? याचिकाकर्ता कौन है? इसे शुक्रवार को लिस्ट किया जाता है. मामले में याचिका जस्टिस शैलेंद्र सिंह, जस्टिस अरुण कुमार झा, जस्टिस जितेंद्र कुमार, जस्टिस आलोक कुमार पांडेय, जस्टिस सुनील दत्ता मिश्रा, जस्टिस चंद्र प्रकाश सिंह और जस्टिस चंद्र शेखर झा ने संयुक्त रुप ये दायर की है. कोर्ट में उनकी पैरवी अधिवक्ता प्रेम प्रकाश कर रहे हैं.
Also Read: बिहार में 99 % महिलाएं शराबबंदी के साथ, 7 साल में 1.82 करोड़ लोगों ने छोड़ी शराब, देखें सर्वे की ताजा रिपोर्ट
जजों की 2010 में हुई थी नियुक्ति
बताया जा रहा है कि हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति सुपीरियर न्यायिक सेवाओं के तहत सीधी भर्ती के रूप में अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश के रूप में हुई थी. पिछले वर्ष उन्हें एचसी के न्यायधीश के रुप में नियुक्त किया गया. बिहार सरकार के द्वारा 2016 वर्ष में बनाये गए कानून के मुताबिक नई पेंशन योजना से पुरानी पेंशन योजना में जाने वाले अपनी एनपीएस योगदान राशि वापस ले सकते हैं. ये पैसा सीधे उनके बैंक खाते में जा सकता है या जीपीएफ के अकाउंट में जमा हो सकता है. न्यायधीशों ने अपने जीपीएफ अकाउंट में एनपीएस योगदान का पैसा जमा किया था.