बिहार में समय पर होंगे नगर निकाय चुनाव, लेकिन खत्म नहीं हुए हैं कानूनी दांव-पेंच

बिहार में निकाय चुनाव को लेकर जिस तरह से कानूनी दांव-पेंच फंसा है, ऐसे में यह कह पाना मुश्किल है कि आगे क्या होगा. हालांकि सुप्रीम कोर्ट की ओर से आज दी गयी व्यवस्था के बाद लग रहा है कि चुनाव का रास्ता अब साफ हो गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 9, 2022 2:16 PM

पटना. बिहार में निकाय चुनाव को लेकर जिस तरह से कानूनी दांव-पेंच फंसा है, ऐसे में यह कह पाना मुश्किल है कि आगे क्या होगा. हालांकि सुप्रीम कोर्ट की ओर से आज दी गयी व्यवस्था के बाद लग रहा है कि चुनाव का रास्ता अब साफ हो गया है. बिहार में निकाय चुनाव तय समय पर ही होंगे. इसके बावजूद यह सवाल बना हुआ है कि 20 जनवरी के बाद इस चुनाव का परिणाम क्या होगा. इसको लेकर जानकार अलग-अलग राय रखते हैं.

12 साल में सरकार नहीं करा पाई थी ट्रिपल टेस्ट

2010 में चुनाव में आरक्षण को लेकर के कृष्णमूर्ति केस चैलेंज हुआ था. केस इस ग्राउंड पर चैलेंज किया गया था कि बिना सर्वे कराए पूरे देश में सरकार द्वारा वोट बैंक बनाने के लिए चुनाव में आरक्षण दिया जा रहा. इस केस में फैसला ट्रिपल टेस्ट का आया. सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद ट्रिपल टेस्ट को चुनाव में आरक्षण के लिए एक बड़ा पैमाना माना गया.

महाराष्ट्र की तर्ज पर आ सकता है सुप्रीम कोर्ट का फैसला

2021 में महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की तर्ज पर अध्यादेश लाकर ओबीसी आरक्षण लागू करने का निर्णय लिया था. यहां का मामला भी बिहार की तरह सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. उस मामले में भी सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण प्रतिशत को उचित ठहराए जाने के आंकड़े को पर्याप्त नहीं माना. इसके बाद ने राज्य के उन स्थानीय निकायों में जहां ओबीसी आरक्षण दिये गये थे, चुनाव पर रोक लगा दी. बाद में ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों को सामान्य में तब्दील करवा कर वहां चुनाव करवाए गए.

अति पिछड़ा वर्ग आयोग पर क्या है विवाद

पटना हाईकोर्ट की तरफ से निकाय चुनाव पर रोक लगाने के बाद बिहार सरकार की तरफ से अक्टूबर में आनन-फानन में अति पिछड़ा वर्ग आयोग गठित किया गया. दो महीने के भीतर कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार को दी. इससे पहले ही मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था. सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी को डेडिकेडेट मानने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी सरकार उसी कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव कराने की अनुशंसा कर दी. अनुशंसा मिलते ही निर्वाचन आयोग ने नये डेट की भी घोषणा कर दी है.

Next Article

Exit mobile version