भागलपुर : इस साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर को पड़ेगा. 14 दिसंबर की शाम 7:03 बजे शुरू होकर 15 दिसंबर की मध्य रात्रि 12:23 बजे समापन होगा.
लगभग पांच घंटे तक ग्रहण काल रहेगा. हालांकि भारत में इसका असर नहीं दिखेगा. तिथि अनुसार यह ग्रहण अगहन कृष्ण अमावस्या को घटित होगा.
यह खंडग्रास प्रकार का ग्रहण होगा और यह भारत में दिखायी नहीं देगा. इसलिए इसकी धार्मिक एवं ज्योतिष मान्यता नहीं है.
इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा. इसका समय विदेशों के लिए है. इस ग्रहण को दक्षिण अफ्रीका, प्रशांत महासागर सहित दक्षिण अमेरिका और मैक्सिको के कुछ इलाकों में देखा जा सकेगा.
इसके अलावा यह सऊदी अरब, कतर, सुमात्रा, मलेशिया, ओमान, सिंगापुर, नॉर्थन मरिना आइलैंड, श्रीलंका और बोर्नियो में भी दिखायी देगा.
चूंकि यह ग्रहण भारत में नजर नहीं आयेगा, इसलिए गत चंद्र ग्रहण की तरह इस सूर्य ग्रहण का भी कोई सूतक काल मान नहीं होगा और इसका यहां कोई प्रभाव भी नहीं पड़ेगा.
सूर्य ग्रहण के दौरान रखें इन बातों का ध्यान : सूतक का मतलब खराब समय होता है. सूतक ऐसा समय होता है, जब प्रकृति ज्यादा संवेदनशील होती है. ऐसे में किसी अनहोनी के होने की संभावना ज्यादा होती है.
सूतक चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण दोनों के समय लगता है. ऐसे समय में सावधान रहना चाहिए और ईश्वर का ध्यान करना चाहिए. सूतक काल में हमें कुछ खास बातों का ध्यान रखाना चाहिए.
किसी बच्चे के जन्म लेने के बाद भी उस घर के सदस्यों को सूतक की स्थिति में बिताने होते हैं. सूतक काल में किसी भी तरह का कोई शुभ काम नहीं किया जाता. यहां तक की कई मंदिरों के कपाट भी सूतक के दौरान बंद कर दिये जाते हैं.
Posted by Ashish Jha