नीतीश कुमार एनडीए से अलग होकर महागठबंधन की सरकार (Mahagathbandhan Government) बना चुके हैं. बीजेपी इस झटके से अभी तक उबर नहीं पाई है. इसे लेकर बिहार बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर बेहद हमलावर हैं. इस क्रम में राज्यसभा सांसद सुशील मोदी (Sushil Modi) ने एक बार फिर से ट्वीट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोला है. भाजपा नेता ने नीतीश कुमार को गठबंधन धर्म का पाठ भी पढ़ाया.
दरअसल, बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री रहे सुशील मोदी ने ट्वीट कर नीतीश पर निजी महात्वाकांक्षा के लिए जनादेश से विश्वासघात करने का आरोप लगाया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि ‘निजी महत्वाकांक्षा के लिए जनादेश से विश्वासघात पर पर्दा डालने के लिए नीतीश कुमार बेमतलब की बातें कहने लगे. भाजपा गठबंधन धर्म का पालन करती है, किसी को तोड़ती नहीं. बता दें कि सुशील मोदी का इशारा बीजेपी द्वारा जदयू को तोड़ने व समाप्त करने की शाजिश को लकेर था.
निजी महत्वाकांक्षा के लिए जनादेश से विश्वासघात पर पर्दा डालने के लिए नीतीश कुमार बेमतलब की बातें कहने लगे। भाजपा गठबंधन धर्म का पालन करती है, किसी को तोड़ती नहीं।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) August 13, 2022
बता दें कि इससे पूर्व भी राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने नीतीश कुमार पर उपराष्ट्रपति बनने की इच्छा रखने का आरोप लगाते हुए करारा हमला बोला था. जाहिर है सियासत में अगर वार होता है तो जल्द ही पलटवार भी देखने को मिल जाता है. सुशील मोदी के आरोप लगाने पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने मोर्चा संभालते हुए तंज भरे अंदाज में निशाना साधा. ललन सिंह ने ट्वीट कर लिखा था कि ‘सुशील जी, आपका बयान देखकर घोर आश्चर्य हुआ..! जिस व्यक्ति का ग्रह-नक्षत्र खुद खराब हो और नीतीश जी से अच्छे रिश्तों के कारण खुद हाशिए पर ला दिए गए हों वैसे नेता के यहां नीतीश जी को उपराष्ट्रपति बनाने के लिए कोई जाये, यह अपने आप में हास्यास्पद और सरासर झूठ है. नीतीश जी कभी न राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे और न ही उपराष्ट्रपति पद के..! यदि ऐसे ही बयान देने से बीजेपी नेतृत्व को खुश कर के आप पुनर्वासित हो जाते हैं, तो हमलोगों की शुभकामनाएं आपके साथ है.. हो जाइए.
गौरतलब है कि बिहार में नई सरकार के गठन के बाद अब सरकार को बहुमत परीक्षण से गुजरना है. नीतीश कुमार के पास 164 विधायकों का समर्थन है. 243 सदस्यों की विधानसभा में ये संख्या बहुमत के 50 फीसदी आंकड़े से काफी ज्यादा है. ये संख्या नीतीश के पक्ष में ही रही तो उन्हें बहुमत साबित करने में कोई दिक्कत नहीं होने वाली है. 24 अगस्त को फ्लोर टेस्ट होगा.