यूपी के फूलपुर को लेकर बिहार में सियासी हलचलें तेज हो गई है. दरअसल, यह संग्राम नीतीश कुमार के फूलपुर से लोक सभा चुनाव लड़ने के साथ शुरु हो गई है. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की ओर से इसकी घोषणा के साथ ही बीजेपी इसपर हमलावर हो गई है. मोर्चा नीतीश सरकार में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ही खोला है. सुशील मोदी फिलहाल राज्यसभा सदस्य हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार कहीं से भी लोकसभा का चुनाव लड़ें, जनता उन्हें बुरी तरह पराजित करेगी और वे अपनी जमानत भी नहीं बचा पाएंगे. मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री पद का सपना देखने वाले नीतीश कुमार भाजपा के बढते जनाधार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता से इतना डरे हुए हैं कि वे बिहार से संसदीय चुनाव लड़ने के बजाय यूपी में सपा के गढ़ फूलपुर और मिर्जापुर से प्रत्याशी बनने की सोच रहे हैं.
उन्होंने कहा कि 2014 में बिहार की 40 सीटों में से जदयू सिर्फ दो पर जीता था उसमें भी नालंदा संसदीय सीट पर मात्र 8 हजार वोटों के अंतर से उसकी प्रतिष्ठा बची थी. इस बार भाजपा 35 से ज्यादा सीटें जीत कर 2014 की सफलता दोहरायेगी. मोदी ने कहा कि यूपी में बूआ-बबुआ ( मायावती-अखिलेश यादव) के साथ आने के बावजूद भाजपा ने 2019 के संसदीय चुनाव में 64 सीटें जीतीं . हाल के उपचुनाव में सपा आजमगढ़ और रामपुर में अपनी सीट नहीं बचा सकी. उन्होंने कहा इससे पहले यूपी के दो लड़के ( अखिलेश, राहुल) मिल कर भी भाजपा का विजय रथ रोक नहीं पाए थे. मोदी ने कहा कि जिस पार्टी का यूपी के विधानसभा चुनाव में भी खाता नहीं खुलता, उसके नेता नीतीश कुमार दो लड़कों के कहने पर वहां की किसी सीट पर लड़ें, उनकी जमानत जब्त होगी.