जहरीली शराब से मौत के मुआवजे पर बोले सुशील मोदी- BJP ने बनाया था दबाव, आवेदन नहीं, शपथपत्र के आधार पर मिले मदद
सुशील मोदी ने कहा कि अब अगर सरकार पीड़ित परिवारों की मदद करना चाहती है, तो उसे आवेदन नहीं, केवल शपथपत्र लेकर चार-चार लाख रुपये की राशि ब्याज के साथ भुगतान करनी चाहिए.
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने जहरीली शराब से मरने वालों के आश्रितों को मुआवजा देने की घोषणा भाजपा के दबाव में और आधे-अधूरे मन से की. इससे ऐसे मृतकों के परिवारों को तो कोई राहत नहीं मिलेगी, जिनके जहरीली शराब से मौत का आंकड़ा छिपाया गया. उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि जहरीली शराब पीने से मौत होने पर पुलिस के डर से जिनका शव बिना पोस्टमार्टम कराये जला दिया गया और जिनकी मौत का कारण सरकार ने डायरिया या अज्ञात बीमारी बता दिया, उनके परिवार को मुआवजा कैसे मिलेगा? इस पर मुख्यमंत्री को स्पष्ट घोषणा करनी चाहिए.
सुशील मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सारण में जहरीली शराब से 77 लोगों के मरने की पुष्टि की, जबकि सरकार ने केवल 12 लोगों की मौत का कारण जहरीली शराब को माना था. 30 लोगों की मौत अन्य बीमारियों से बताकर सरकार ने सारण में मात्र 42 मौत की पुष्टि की.
नीतीश कुमार को माफी मांगनी चाहिए
भाजपा नेता ने कहा कि नीतीश कुमार को ‘ जो पीएगा, सो मरेगा ‘वाले बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए. जहरीली शराब पीने से मरने वालों और उनके गरीब आश्रितों के प्रति ऐसा कठोर रवैया रखने के कारण सैकड़ों परिवार मुआवजा पाने से वंचित रहे. उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में पूर्ण मद्यनिषेध लागू होने के बाद से जहरीली शराब पीने से मौत की घटनाओं में 300 से ज्यादा जानें गयीं, जबकि राज्य सरकार ने नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो को मात्र 23 के मरने की जानकारी दी.
केवल शपथपत्र के आधार पर मिले मदद
राज्यसभा संसद ने कहा कि अब अगर सरकार पीड़ित परिवारों की मदद करना चाहती है, तो उसे आवेदन नहीं, केवल शपथपत्र लेकर चार-चार लाख रुपये की राशि ब्याज के साथ भुगतान करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जहरीली शराब पीने से जिनकी आंखों की रोशनी चली गयी और जिनका इलाज चल रहा है, उनको भी सहायता मिलनी चाहिए.