पटना में विपक्षी एकता की बैठक से पहले हो गया बड़ा अपशकुन, सुशील मोदी ने किया खुलासा
सुशील मोदी ने कहा कि महागठबंधन से आरसीपी सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के बाद मांझी का किनारा करना कोई साधारण घटना नहीं है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार बनने के बाद पिछले नौ महीनों में एक भी बड़ा दल या नेता इससे नहीं जुड़ा.
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जीतन राम मांझी का महागठबंधन से अलग होना विपक्षी एकता की पटना बैठक के लिए बड़ा अपशकुन है. पहले बैठक की तारीख टली, फिर रोज कोई -न -कोई बड़ा नेता इससे दूरी बनाने लगे हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने वरिष्ठ दलित नेता मांझी को नौ माह बाद अपमानित कर मुख्यमंत्री पद से हटाया था और अब उनकी पार्टी के जदयू में विलय के लिए दबाव बनाया जा रहा था.
नौ महीनों में एक भी बड़ा नेता महागठबंधन से नहीं जुड़ा
अपने जारी बयान में सुशील मोदी ने कहा कि कोई भी स्वाभिमानी व्यक्ति नीतीश कुमार के साथ नहीं रह सकता. आरसीपी सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के बाद मांझी का किनारा करना कोई साधारण घटना नहीं है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार बनने के बाद पिछले नौ महीनों में एक भी बड़ा दल या नेता इससे नहीं जुड़ा.
कई नेताओं ने बैठक में शामिल होने से किया इंकार
सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार की विपक्षी एकता मुहिम से केसीआर, नवीन पटनायक, मायावती, एचडी कुमारस्वामी और जगनमोहन रेड्डी पहले ही दूरी बना चुके हैं. अब उमर अब्दुल्ला ने भी पटना बैठक में शामिल होने से इन्कार कर दिया है. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के निकाय चुनाव में जब टीएमसी के गुंडे कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हमले कर रहे हैं, तब नीतीश कुमार वहां इन दो दलों में क्या एकता करा पायेंगे?
बैठक में ये होंगे शामिल
बता दें कि 23 जून को पटना में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, एनसीपी के शरद पवार, उद्ध ठाकरे, जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, तमिलनाडुु के सीएम स्टालिन , झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, यूूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी बैठक में शामिल होंगे.
Also Read: Bihar Politics: NDA के साथ जाएंगे जीतनराम मांझी? 18 जून को कर सकते हैं ऐलान
संतोष सुमन ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा
वहीं इससे पहले मंगलवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के बेटे व हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बिहार सरकार के मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. संतोष सुमन ने विजय चौधरी से उनके आवास पर मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा था. इसके बाद से बिहार के सियासी गलियारे में कई तरह की अटकलें शुरू हो गई हैं.