बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने एक बार फिर से बयान जारी कर राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि बिहार में जब पूरी तरह से शराबबंदी का कानून लागू है, तब पिछली सरकार के समय उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव पर शराब पीने का आरोप एक गंभीर मामला है. राज्य सरकार को इसकी विस्तृत जांच करानी चाहिए.
शराबबंदी कानून तोड़ने के आरोप की हो जांच
सुशील मोदी ने कहा कि तेजस्वी यादव के पद पर रहते उनकी ही पार्टी के विधान परिषद सदस्य रामबली सिंह ने यदि आरोप लगाये है, तो उनके पास कुछ प्रमाण भी होंगे. उन्होंने कहा कि किसी की विधान परिषद सदस्यता समाप्त या बहाल करना सभापति का विशेषाधिकार है. लेकिन, शराबबंदी कानून तोड़ने के आरोप की जांच तो सरकार करा ही सकती है.
बिहार में 2016 से शराबबंदी
सुशील मोदी ने कहा कि शराब पीने, रखने या उसका व्यापार करने पर पूर्ण प्रतिबंध का कानून 2016 से लागू है. कानून तोड़ने पर जब सामान्य नागरिक को दंडित किया जाता है, तब तेजस्वी यादव के दोषी पाए जाने पर उनके विरुद्ध भी कार्रवाई हो सकती है. उन्होंने कहा कि सरकार में शामिल होने के नाते तेजस्वी यादव पर शराबबंदी कानून लागू कराने की जिम्मेदारी थी, जबकि उन पर ही कानून तोड़ने के आरोप लगना कोई सामान्य बात नहीं है.
रामबली सिंह ने कही थी तेजस्वी के शराब पीने की बात
दरअसल, राजद एमएलसी रामबली सिंह की विधान परिषद की सदस्यता पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण रद्द कर दी गई है. इस मामले में दो नवंबर 2023 को राजद के उप मुख्य सचेतक सुनील कुमार सिंह ने रामबली सिंह की सदस्यता समाप्त करने का आवेदन विधान परिषद के सभापति को लिखित रूप से दिया था. इस आवेदन में कहा गया था कि प्रो रामवली सिंह ने राजद के नेता और तत्कालीन उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर शराब पीने का आरोप लगाया है.
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सोशल मीडिया पर वीडियो भी हुआ था वायरल
रामबली सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ था. जिसमें वो बता रहे थे कि तेजस्वी यादव भी शराब पीते हैं. यह वीडियो पिछले वर्ष का था. जब तेजस्वी यादव बिहार के डिप्टी सीएम हुआ करते थे.
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