13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

शराबबंदी के चलते बिहार को हो रहा हजारों करोड़ का राजस्व नुकसान, 1000 मौतों के बाद भी समीक्षा क्यों नहीं ?

राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने बिहार सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि शराबंबदी के चलते बिहार को 35 हजार करोड़ की राजस्व क्षति हो रहा है. जहरीली शराब पीने वाले 1000 से ज्यादा लोगों की मौत और छह साल में चार लाख गरीबों के जेल जाने के बाद भी क्या शराबबंदी की समीक्षा नहीं होनी चाहिए?

पटना: राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार को 35 हजार करोड़ की राजस्व क्षति, जहरीली शराब पीने वाले 1000 से ज्यादा लोगों की मौत और छह साल में चार लाख गरीबों के जेल जाने के बाद भी क्या शराबबंदी की समीक्षा नहीं होनी चाहिए? भाजपा शुरू से पूर्ण मद्यनिषेध नीति का समर्थन करती रही है, लेकिन नीतीश सरकार इसे लागू करने में पूरी तरह विफल है.

‘गरीबों को प्रताड़ित करने की खुली छूट दी गयी है’

श्री मोदी ने आगे कहा कि सरकार की नाकामी के कारण शराबबंदी ने पुलिस-प्रशासन के लोगों को 10 हजार करोड़ की अवैध कमाई करने और गरीबों को प्रताड़ित करने की खुली छूट दी. क्या इन बातों की समीक्षा नहीं होनी चाहिए? उन्होंने कहा कि सारण में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 100 से ज्यादा हो चुकी है. राज्य सरकार वास्तविक आंकड़े छिपा रही है.

‘पीड़ितों के परिवार को धमका रही पुलिस’

भाजपा नेता ने आगे कहा कि सारण शराब कांड में जान गंवाने वाले मृतकों के परिवारों को पुलिस धमका रही है, इसलिए लोग दूसरी जगह जाकर अंत्येष्टियां कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि शराब पीने वालों पर परिवार का कोई जोर नहीं चलता. जहरीली शराब से मौत होने पर मुसीबतें परिवार पर टूटती हैं, इसलिए उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए.

‘गरीब विरोधी हो गये हैं नीतीश कुमार’

सुशील कुमार मोदी ने इस दौरान कई बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लेकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अब नीतीश कुमार गरीब, पिछड़ा, अतिपिछड़ा और दलित समाज के विरोधी हो गये हैं. उन्हें मुआवजे को प्रतिष्ठा का प्रश्न नहीं बनाना चाहिए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें