पटना. बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि कोरोना संक्रमित लोगों की जांच और चिकित्सा में लगे डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ बदसलूकी की शर्मनाक घटनाओं को देखते हुए केंद्र सरकार ने मानवता के शत्रुओं से निपटने के लिए जो अध्यादेश लाया है. वह सराहनीय कदम है. अब डॉक्टरों पर हमला करने वालों को जमानत नहीं मिलेगी. 30 दिन के भीतर जांच पूरी होगी और एक साल के भीतर फैसला सुना दिया जाएगा. नये अध्यादेश में सजा की अवधि सात साल तक और जुर्माने की राशि दो लाख तक की गई है. प्रधानमंत्री ने डॉक्टरों-स्वास्थ्यकर्मियों के अभिनंदन में थाली-घंटी ही नहीं बजवायी, बल्कि असामाजिक तत्वों से उन्हें अभयदान देने वाला अध्यादेश भी लाया.
उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि कोरोना संक्रमण से निपटने में साधनों की कोई कमी नहीं है. देश में अब 723 कोरोना अस्पताल हैं. इनमें दो लाख बिस्तर और 12 हजार 190 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं. स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 25 लाख एन-95 मास्क हैं और ढाई करोड़ मंगाये भी जा रहे हैं. राज्य सरकार ने पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स में 100 बेड के अस्थायी अस्पताल बनाने की पहल की है. एक तरफ सरकार संक्रमण पर विजय पाने में पूरी ताकत से लगी है, दूसरी तरफ कुछ लोग मनोबल तोड़ने वाली बयानबाजी कर रहे हैं.
इस समय पूरा देश कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहे कोरोना योद्धाओं का अपने-अपने तरीके से सम्मान कर रहा है. वहीं डॉक्टर-नर्स दिनरात कारोना वायरस से सामना कर मरीजों का इलाज करने में जुटे है. इधर, कुछ लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. इस तरह की तमाम खबरें बिहार से आ रही हैं, जहां कुछ लोग स्वास्थ्य कर्मियों के साथ पुलिस टीम को लगातार अपना निशाना बना रहे हैं. इस बार ताजा मामला बिहार के गया जिले से सामने आया है. जहां लॉकडाउन का पालन कराने गई पुलिस टीम पर लोगों ने हमला बोल दिया. इसमें दो पुलिसकर्मी घायल हो गए.