सुबोध कुमार नंदन, पटना. डाक विभाग (बिहार सर्किल) ने 1458 ग्रामीण डाक सेवकाें (जीडीएस) की मेधा सूची जारी कर दी है. आश्चर्य की बात यह है कि इनमें से 244 प्रतिभागी ऐसे हैं, जिनका अंक 100 फीसदी है. डाक विभाग के वरीय अधिकारियों के अनुसार इसमें फर्जीवाड़े की पूरी आशंका है. पटना डिवीजन और पटना साहिब डिवीजन के 64 प्रतिभागियों में से 18 ने सौ अंक हासिल किये हैं. वहीं, 40 प्रतिभागियों के अंक 99 फीसदी और इससे ऊपर हैं. इसे लेकर डाक विभाग के अधिकारी हैरान हैं.
विभागीय सूत्रों के अनुसार इतना अंक लाना लगभग असंभव है. मालूम हो कि डाक विभाग ने जनवरी में देशभर में ग्रामीण डाक सेवकों के 40889 पदों के लिए आवेदन निकाला था. इनमें बिहार सर्किल में 1461 ग्रामीण डाक सेवकों सहित अन्य पद शामिल थे. पटना डिवीजन और पटना साहिब डिवीजन के लिए 65 आवेदन निकाले गये थे. ग्रामीण डाक सेवकों के पदों पर नियोजन के लिए अंतिम सूची में भारतीय डाक विभाग की वेबसाइट और जीडीएस ऑनलाइन पोर्टल पर जारी कर दी गयी है.
मेधा सूची में शामिल प्रतिभागियों को 21 दिनों के अंदर मंडल प्रमुख के समक्ष उपलब्ध (लोड) कराये गये बोर्ड से संबंधित अंक पत्र सहित अन्य दस्तावेजों का मूल पत्र प्रस्तुत करना होगा. उन दस्तावेजों का ऑनलाइन डीजी लॉकर से सत्यापन किया जायेगा. जिनका दस्तावेज ऑनलाइन नहीं होगा, उसे संबंधित बोर्ड को भेजा जायेगा.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इनमें से अधिकतर अंकपत्र तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र, झारखंड जैसे दूसरे राज्यों के हैं. डाक विभाग (बिहार सर्किल) के चीफ पोस्ट मास्टर जनरल केके शर्मा ने भर्ती से पूर्व कहा था कि पिछली भर्ती प्रक्रियाओं में देखा गया है कि बहुत से आवेदकों ने जाली और गलत 10वीं का अंक या सूचना अपलोड की थी, जो सत्यापन के दौरान गलत पाये गये थे. उन्होंने बताया कि जाली प्रमाण- पत्र के आधार पर नियुक्त आवेदकों के विरुद्ध सीबीआइ और स्थानीय पुलिस में एफआइआर दर्ज करायी गयी है. उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू हो गयी है.
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कुल पद- 1461
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मेधा सूची – 1458 की
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(इनमें सामान्य 667, ओबीसी 385,एससी 196, एसटी 50, आर्थिक रूप से कमजोर 124 और दिव्यांग के 39 पद हैं.)