पटना : कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर पीएमसीएच में किये गये इंतजाम के दावों की पोल उस समय खुल गयी, जब कोरोना संदिग्ध एक मरीज रविवार की रात आइसोलेशन वार्ड से फरार हो गया. मरीज कुछ घंटे पहले ही भर्ती हुआ था. सोमवार की सुबह जब इसकी सूचना प्रशासन को मिली, तो यहां हड़कंप मच गया. आनन-फानन में पुलिस को सूचना देकर पीएमसीएच प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया.
जानकारी के मुताबिक कोरोना के लक्षण मिलने के बाद पीएमसीएच के डॉक्टरों ने उसे आइसोलेशन वार्ड में रेफर किया था, लेकिन कॉटेज के कमरे में जाने के कुछ घंटे बाद ही वह अपने कागजात समेत भाग गया. रात भर न तो सुरक्षा गार्ड को इसकी खबर मिली और न ही पीएमसीएच के जिम्मेदार पदाधिकारियों को. भागने वाले मरीज ने डॉक्टरों को बताया था कि उसने बोधगया में कुछ विदेशियों के पास बैठकर खाना खाया था और उसके कुछ दिनों बाद उसमें कोरोना जैसे लक्षण दिखने लगे. देर रात भर्ती कराये जाने की वजह से उसका सैंपल भी नहीं लिया जा सका था.
एक तरफ जहां दुनिया भर में कोरोना से बचाव के लिए साफ-सफाई पर ध्यान दिया जा रहा है. वहीं, पीएमसीएच प्रशासन सफाई से बेखबर है. यहां 9 कमरों में 18 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है. यह वार्ड इसके कॉटेज में स्थित है. कॉटेज की ओर जाने वाले रास्ते और उसके आस-पास जलजमाव है. चारों ओर गंदगी बिखरी पड़ी है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक यहां पर महीनों से जलजमाव है, लेकिन इसे खत्म करने को लेकर कोई पहल नहीं हो रही है.
रविवार को पटना एयरपोर्ट पर विदेश से आये दो संदिग्ध मरीजों को सिविल सर्जन ने पीएमसीएच भेजा था. इनमें एक अमेरिका और दूसरा दुबई से आया था. जब ये पीएमसीएच आये, तो इन्हें यह कह कर लौटा दिया गया कि विदेश से आना ही यहां भर्ती होने का पर्याप्त कारण नहीं है. पटना एयरपोर्ट पर अक्सर ही विदेश से लौटे संदिग्धों को चिह्नित किया जाता है और लक्षण नहीं दिखने पर घर जाने दिया जाता है. रविवार को भी 78 लोगों को चिह्नित किया गया था, जिनमें से सिर्फ दो को एयरपोर्ट पर तैनात डॉक्टरों ने पीएमसीएच भेजा था. इसके बावजूद पीएमसीएच ने इन्हें भर्ती नहीं किया और घर भेज दिया.