पटना : कोविड प्रोटोकॉल के तहत होगा H3N2 के संदिग्ध मरीजों का इलाज, RMRI में होगी जांच
H3N2 के संदिग्ध मरीजों को भर्ती कर इलाज की व्यवस्था कोविड प्रोटोकॉल के तहत होगी. सरकार की ओर से इस मामले में गाइड लाइन का इंतजार किया जा रहा है. अस्तपाल में जांच की व्यवस्था हो, इसके लिए भी काम कराया जा रहा है.
पटना. एच3एन2 इंफ्लूएंजा के मरीज के आने पर एनएमसीएच में भर्ती कर इलाज किया जायेगा. बीमारी की जांच अगमकुआं स्थित राजेंद्र स्मारक चिकित्सा विज्ञान अनुसंधान संस्थान में करायी जायेगी. इसके लिए अस्पताल प्रशासन द्वारा आरएमआरआइ से आग्रह किया गया है. अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ अजय कुमार सिन्हा ने बताया कि ओपीडी में आने वाले संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए आरएमआरआइ को कहा गया है. ऐसे संदिग्ध मरीजों को भर्ती कर इलाज की व्यवस्था कोविड प्रोटोकॉल के तहत होगी. सरकार की ओर से इस मामले में गाइड लाइन का इंतजार किया जा रहा है. अस्तपाल में जांच की व्यवस्था हो, इसके लिए भी काम कराया जा रहा है.
अधीक्षक ने मांगी सभी विभागाध्यक्षों से उपकरणों की मांगी रिपोर्ट
एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ राजीव रंजन ने एच3एन2 इंफ्लूएंजा के मामलों को देखते हुए सभी विभागाध्यक्षों को अलर्ट रहने कहा है. साथी ही उन्होंने कहा है कि वेंटिलेटर,ऑक्सीमीटर, एक्सरे,अल्ट्रासाउंड, नेबुलाइजर, मोबाइल एक्सरे सहित विभिन्न उपकरण काम कर रहे हैं या नहीं, इसकी अपडेट रिपोर्ट दें.
जांच किट के लिए एनआइबी को लिखा
आरएमआरआइ ने जांच किट उपलब्ध कराने के लिए पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बॉयोरॉजिकल संस्थान (राष्ट्रीय विषाणु संस्थान) को लिखा है. यह बात संस्थान के निदेशक डॉ कृष्णा पांडे ने कही. उपनिदेशक ने बताया क संस्थान में अब तक 21 मरीजों के सैंपलों की जांच हुई है. इसमें एक महिला एच3एन2 इंफ्लूएंजा में पॉजिटिव पायी गयी थी, जो इलजा के बाद ठीक हो गयी. उन्होंने कहा कि राज्य व केंद्र सरकार की गाइडलाइन के बाद बाहरी लोगों की जांच भी संस्थान में हो सकती है. संस्थान के वैज्ञानिकों ने बताया कि एक किट पैकेट से 96 मरीजों की जांच होती है.
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