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सीवान में दो थानों के 11 पुलिसकर्मियों के सस्पेंड होने से विभाग में हड़कंप, जानिए एसपी ने क्यों की कार्रवाई

सिवान जिले में बालू लदे ट्रकों से अवैध वसूली के आरोप में 11 पुलिसकर्मी पर एसपी ने कार्रवाई करते हुए सस्पेंड कर दिया है. सराय ओपी से छह तो महादेवा के पांच पुलिस कर्मियों पर गाज गिरी है. गुप्त सूचना मिलने के बाद एसपी ने मामले की जांच करायी थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 25, 2023 10:18 PM

सीवान जिले में बालू के अवैध कारोबार में अक्सर ही पुलिसकर्मियों की मिलीभगत के मामले सामने आते रहते हैं. जिसमें आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभाग कार्रवाई भी करता रहा है, बावजूद इसके ऐसे मामलों में लगाम लगती नहीं दिख रही. ताजा मामला जिले के महादेवा ओपी व सराय ओपी का है. जहां 11 पुलिसकर्मियों पर बालू के कारोबार में शामिल लोगों से अवैध उगाही का आरोप लगा है. इसके बाद एसपी शैलेश कुमार सिन्हा ने बालू लदे ट्रकों से अवैध वसूली के आरोप में 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की है.

सराय ओपी से छह पुलिस कर्मियों पर गिरी गाज

प्राप्त जानकारी के मुताबिक किसी व्यक्ति ने एसपी को गुप्त शिकायत की थी कि पुलिस कर्मियों के द्वारा बालू लदे ट्रकों से अवैध वसूली को जाती है. जिसके बाद एसपी ने पुलिस अवर निरीक्षक कैप्टन शहनवाज को जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था और मामले को गंभीरता से लेते हुए कैप्टेन शहनवाज ने मामले की जांच की और जांच रिपोर्ट पुलिस कप्तान को सौंपा. जिसके आधार पर पुलिस कप्तान सिन्हा ने सहायक सराय ओपी में पदस्थापित एएसआइ क्षत्रपति सिंह, चालक अरविंद गृह रक्षक जयनाथ यादव, ह्रदया सिंह, प्रेम कुमार यादव व संजय कुमार को सस्पेंड किया हैं.

महादेवा के पांच पुलिस कर्मियों पर गिरी गाज

वहीं दूसरी तरफ महादेवा ओपी पुलिस की भी बालू लदे ट्रकों से अवैध वसूली की शिकायत एसपी को मिली थी. जिसकी जांच उन्होंने कराई और जांच रिपोर्ट के आधार पर वसूली के आरोप में संलिप्त महादेवा ओपी में तैनात एएसआइ योगेंद्र पासवान, चालक गंगाराम राय, गृह रक्षक प्रदीप कुमार ओझा, राजन कुमार सिंह, राजेंद्र ठाकुर सहित पांच कर्मियों को सस्पेंड किया है.

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पुलिस विभाग में हड़कंप 

इधर इस कार्रवाई के बाद जिले के पुलिस महकमे में हड़कंप मच गई है .लोगों का कहना है कि यदि ऐसी ही कार्रवाई होती रहे तो पुलिसकर्मी अच्छे से कार्य करेंगे और लोगों को सुरक्षा प्रदान करेंगे. क्योंकि प्रत्येक महीने एसपी कार्यालय में एसपी द्वारा जिले के सभी थानाध्यक्षों के साथ क्राइम मीटिंग की जाती है. जिसमें बालू तस्करी, शराब तस्करी सहित अन्य मामलों पर नकेल कसने की निर्देश दी जाती है और क्राइम मीटिंग से लौटने के बाद थानाध्यक्ष अपने पदाधिकारियों को भी निर्देश देते हैं. लेकिन थाना में तैनात पदाधिकारी थानाध्यक्षों की आंखों में धूल झोंक कर ट्रक से अवैध वसूली में लग जाते हैं.

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