SVU को मगध विवि के पूर्व वीसी सहित दस आरोपियों पर मुकदमा चलाने की मिली अनुमति, जानिए क्या है मामला
राज्यपाल के प्रधान सचिव ने विशेष निगरानी इकाई के एडीजी को पत्र लिख कर मगध विवि बोधगया और वीर कुंवर सिंह विवि आरा में हुई वित्तीय अनियमितता के मामले में अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है.
मगध विवि बोधगया और वीर कुंवर सिंह विवि आरा में हुई वित्तीय अनियमितता के मामले में राजभवन ने तत्कालीन कुलपति डॉ राजेंद्र प्रसाद सहित दस अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है. राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर की स्वीकृति के बाद राज्यपाल के प्रधान सचिव राबर्ट एल चोंगथू ने इस संबंध में विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) के एडीजी को पत्र लिखा है.
एसवीयू के एडीजी ने राज्यपाल से मांगी थी मुकदमा चलाने क अनुमति
एसवीयू सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले ही एसवीयू के एडीजी की ओर से राज्यपाल सह कुलाधिपति को पत्र भेज मगध विवि के पूर्व कुलपति राजेंद्र प्रसाद समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी. एसवीयू के आवेदन पर विचार करने के बाद एक अगस्त 2023 को एसवीयू को यह अनुमति दे दी गयी.
इन लोगों पर मुकदमा चलाने की अनुमति दी राज्यपाल ने
राज्यपाल के प्रधान सचिव ने अपने पत्र में कहा है कि मगध विवि के पूर्व वीसी राजेंद्र प्रसाद, तत्कालीन वित्त पदाधिकारी प्यारे मोहन, रजिस्ट्रार सिद्धनाथ प्रसाद यादव, वित्त सलाहकार ओमप्रकाश, रजिस्ट्रार जितेंद्र कुमार, वित्त पदाधिकारी कुलेश्वर प्रसाद, वित्त पदाधिकारी धर्मेंद्र त्रिपाठी, रजिस्ट्रार पुष्पेंद्र कुमार वर्मा, वीर कुंवर सिंह विवि के तत्कालीन वित्त पदाधिकारी सुशील यादव और वीर कुंवर सिंह विवि के तत्कालीन रजिस्ट्रार धीरेंद्र सिंह पर मुकदमा चलाने की अनुमति राज्यपाल द्वारा दी गयी है.
इन आरोपियों पर भी मुकदमा चलाने के लिए मांगी गई थी अनुमति
एसवीयू ने कुछ अन्य आरोपियों जैसे अनवर इमाम, लतिका वर्मा, लाइब्रेरियन रूद्र नारायण शुक्ला, सुबोध कुमार पीए, प्राक्टर जयनंदन प्रसाद, दिनकर कुमार, मनोज कुमार सिन्हा, मनीष कुमार सिन्हा, विजय कुमार सिंह, सहायक दीनानाथ सिंह पर मुकदमा चलाने के लिए भी राज्यपाल की अनुमति मांगी थी. प्रधान सचिव ने कहा कि इसके लिए राजभवन की सहमति आवश्यक नहीं है. एसवीयू इस संबंध में अन्य पदाधिकारियों से संपर्क कर सकती है.
2021 में विशेष निगरानी इकाई ने मामला दर्ज किया था
मालूम हो कि मगध विवि के पूर्व कुलपति राजेंद्र प्रसाद और अन्य चार प्रो विनोद कुमार, प्रो जयनंदन प्रसाद सिंह, पुष्पेंद्र प्रसाद वर्मा और सुबोध वर्मा पर विशेष निगरानी इकाई ने नवंबर 2021 में 30 करोड़ से अधिक की वित्तीय अनियमितता का मामला दर्ज किया था. पूर्व कुलपति राजेंद्र प्रसाद पर अपने कार्यकाल के दौरान सरकारी राशि के बंदरबांट करने का आरोप था. करोड़ों की गबन राशि में एक बड़ा हिस्सा डॉ राजेंद्र प्रसाद के आय से अधिक संपत्ति एकत्र करने का माध्यम बना.
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एसवीयू ने मार्च 2023 में 29 अभियुक्तों के खिलाफ दायर किया था आरोप पत्र
एसवीयू ने आरोप पत्र में बताया था कि डॉ राजेंद्र प्रसाद ने अपने मगध विवि में कार्यकाल के दौरान इतना धनार्जन किया, जो कि उनके आय से दस गुना अधिक था. इन पर गार्ड बहाली में धांधली करने, अनावश्यक रूप से पठन सामग्री खरीद जैसे आरोप भी हैं. एसवीयू ने मार्च 2023 में पूर्व कुलपति डॉ राजेंद्र प्रसाद सहित 29 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था.